
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर छिड़े विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाने और बिहार में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ निकालने पर नकवी ने कहा कि वह “मैदान में मार खाने के बाद बोली में तीस मार खान बन रहे हैं।”
नकवी ने एक बयान में कहा, “राहुल गांधी को यह बात समझ में नहीं आ रही कि वे खेल के मैदान में कितनी बार हिट विकेट हुए हैं और कितनी बार रन आउट हुए हैं? फिर भी वे मैदान में गच्चा खाएंगे और चुनाव आयोग पर आरोप लगाकर मोहल्ले में शोर मचाएंगे।” नकवी ने राहुल गांधी पर अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह “खुद को नहीं, बल्कि अंपायर को ही दोषी बनाने में लग गए हैं।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपनी हार का इतिहास बना रहे हैं।
भाजपा नेता ने कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “आज की तारीख में जिन मुद्दों को लेकर आप लोगों के बीच जाने की कोशिश कर रहे हैं, वह क्या है? वह चाहते हैं कि उनका परिवार सरकार के फ्रेम में आए, नहीं तो चुनाव हारने पर शोर मचाएंगे।” नकवी ने राहुल गांधी की तुलना एक बच्चे से करते हुए कहा कि वह इस तरह व्यवहार कर रहे हैं, जैसे “हमें खेलने दो, नहीं तो पूरा खेल बिगाड़ेंगे।”

नकवी ने कहा कि 2014 के बाद से राहुल गांधी शांति से नहीं बैठ पाए हैं और ऐसा लगता है जैसे वे “जल बिन मछली की तरह हो गए हैं कि सत्ता के बिना रह ही नहीं सकते।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता झूठ और भ्रम फैलाकर पूरे सिस्टम के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसमें वे नाकाम होंगे।
नकवी ने चुनाव प्रक्रिया में सुधारों का बचाव करते हुए कहा कि समय-समय पर जरूरतों के हिसाब से सुधार किए जाते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि पहले मतदान की उम्र 21 साल थी, जिसे घटाकर 18 साल किया गया और फिर ईवीएम का इस्तेमाल शुरू हुआ। उन्होंने सवाल उठाया, “खुले लोकतंत्र में सुधार की हमेशा गुंजाइश रहती है। अगर वैध मतदाताओं की सुरक्षा हो रही है और अवैध मतदाताओं को निकाला जा रहा है, तो इसमें किसी को क्या आपत्ति होनी चाहिए?”
इसके अलावा, नकवी ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह “बहुत अच्छे उम्मीदवार हैं” और विपक्ष को भी उनका समर्थन करना चाहिए, क्योंकि उनका कोई भी विवादित कार्यकाल नहीं रहा है और वे कई राज्यों के राज्यपाल भी रह चुके हैं।

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