
झारखंड में महिलाओं और नाबालिगों से जुड़े दो गंभीर मामलों ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) का ध्यान खींचा है। आयोग ने इन मामलों में स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर त्वरित और ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने साफ कहा है कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और पीड़िताओं को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
पहला मामला: मेदिनीनगर में लड़की का अपहरण और गैंगरेप
पहली घटना झारखंड के मेदिनीनगर में घटी, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक लड़की मेले से लौट रही थी, तभी स्टेशन रोड ओवरब्रिज के पास कुछ आरोपियों ने उसका अपहरण कर लिया। आरोप है कि पीड़िता को निर्जन स्थान पर ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के माध्यम से बयान जारी कर इसे “चिंताजनक और शर्मनाक” बताया। विजया रहाटकर ने पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी, मामले की त्वरित एवं निष्पक्ष जांच, और पीड़िता को निःशुल्क चिकित्सीय व मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
दूसरा मामला: साहिबगंज में वन स्टॉप सेंटर में नाबालिग से छेड़छाड़
दूसरी घटना साहिबगंज जिले से सामने आई है, जहां सखी वन स्टॉप सेंटर में रह रही एक नाबालिग लड़की ने जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष पर छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला भी मीडिया के माध्यम से राष्ट्रीय महिला आयोग के संज्ञान में आया।
आयोग ने इस मामले को भी गंभीर मानते हुए पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है, जिसमें त्वरित एवं निष्पक्ष जांच कराने के साथ-साथ, यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

पुलिस को तीन दिन का समय, पीड़िताओं की सुरक्षा पर जोर
राष्ट्रीय महिला आयोग ने दोनों मामलों में पुलिस महानिदेशक को तीन दिनों के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। आयोग का स्पष्ट रुख है कि इस तरह की घटनाओं में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विजया रहाटकर ने कहा है कि महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऐसे अपराध समाज में अस्वीकार्य हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि पीड़िताओं को न केवल न्याय मिले, बल्कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से संभलने के लिए आवश्यक सभी सहयोग भी प्रदान किया जाए।
महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता
झारखंड में हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई जा रही है। मेदिनीनगर और साहिबगंज की ये घटनाएं इस चिंता को और गहरा करती हैं। महिला सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि केवल त्वरित कार्रवाई ही नहीं, बल्कि रोकथाम के लिए भी ठोस कदम उठाना जरूरी है, जिसमें जागरूकता अभियान, सख्त कानून का पालन और संवेदनशील तंत्र का निर्माण शामिल है।
इन दोनों मामलों ने राज्य में महिला सुरक्षा की मौजूदा स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी निगाहें झारखंड पुलिस की कार्रवाई और राष्ट्रीय महिला आयोग की आगे की भूमिका पर टिकी हैं। आयोग ने यह साफ कर दिया है कि वह इन मामलों की प्रगति पर करीबी नजर रखेगा और पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।

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