
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उद्धव न अब कोई “ब्रांड” हैं और न ही शिवसेना उनके पास बची है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी की गोद में जाकर बैठे, उसी दिन से उनके राजनीतिक अस्तित्व का पतन शुरू हो गया।
“बाला साहेब का समय अलग था, आप सिर्फ कुर्सी के लिए झुके”
गिरीश महाजन ने उद्धव ठाकरे की तुलना बाला साहेब ठाकरे से करते हुए कहा कि बाला साहेब की विचारधारा मजबूत थी। वह हिंदुत्व के प्रतीक थे, जबकि उद्धव ने सत्ता के लिए उन मूल्यों से समझौता किया। उन्होंने कहा, “शिवसेना की पहचान उस दिन खत्म हो गई, जब आपने कांग्रेस के साथ सरकार बनाई। बाला साहेब कभी इस विचारधारा से समझौता नहीं करते।”
‘सामना’ में उद्धव को बताया गया प्रतीक
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में उद्धव ठाकरे को एक ‘ब्रांड’ से ज्यादा बताया गया है। उसमें कहा गया कि उद्धव ठाकरे मराठी मानुष और हिंदू अस्मिता की पहचान हैं, जिन्हें कुछ लोग मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि महाजन ने इस दावे को नकारते हुए कहा कि “जो जनता के दिल में नहीं है, वो ब्रांड कैसे हो सकता है?”
राज ठाकरे पर भी साधा निशाना
गिरीश महाजन ने राज ठाकरे के उस बयान पर भी कटाक्ष किया, जिसमें मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की आशंका जताई गई थी। महाजन ने कहा कि “ऐसे मुद्दे सिर्फ चुनाव के समय उठाए जाते हैं ताकि मराठी वोटरों को भावनात्मक रूप से जोड़ा जा सके। मुख्यमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं किया जा सकता।”
हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर दी सलाह
भाषाई विवाद पर गिरीश महाजन ने संतुलित रुख अपनाते हुए कहा, “हम मराठी पर गर्व करते हैं, लेकिन यह भी स्वीकार करना होगा कि हिंदी देश में सबसे प्रभावी संचार माध्यम है। हमें अपनी मातृभाषा के साथ-साथ हिंदी को भी अपनाना चाहिए, खासकर जब हम महाराष्ट्र से बाहर जाते हैं।”
चुनाव आयोग को लेकर उद्धव पर तंज
महाजन ने ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि जब तक नतीजे उनके पक्ष में आते हैं, चुनाव आयोग ठीक लगता है, और जब परिणाम विपरीत आते हैं तो वही आयोग फर्जी करार दे दिया जाता है। “लोकसभा में आपने चुनाव आयोग की तारीफ की थी, अब जनता ने नकारा तो आपको उसमें भी साजिश नजर आने लगी।”
एनसीपी और उज्ज्वल निकम को लेकर बयान
एनसीपी नेता सुनील तटकरे को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी किससे बात करे यह उनका आंतरिक मामला है। वहीं, वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम को मंत्री बनाए जाने की संभावना पर उन्होंने कहा कि “उन्होंने राज्य और देश में बेहतरीन कार्य किया है, इसलिए कुछ भी असंभव नहीं है।”
गिरीश महाजन के इस बयान से साफ है कि महाराष्ट्र में चुनावी माहौल के बाद भी सियासी बयानबाज़ी थमी नहीं है। उद्धव ठाकरे की राजनीति, विचारधारा और गठबंधन की नीति को लेकर बीजेपी निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है, और आने वाले समय में इस सियासी जंग के और तेज़ होने की संभावना है।

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