
पंजाब में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के भीतर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया के एक वायरल वीडियो ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि पंजाब का चुनाव जीतने के लिए ‘आप’ साम, दाम, दंड, भेद, सच, झूठ, सवाल, जवाब, लड़ाई और झगड़ा का सहारा लेगी। इस बयान पर भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत कर सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
इस विवाद पर ‘आप’ के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने एक अलग रुख अपनाकर पार्टी के अंदरूनी मतभेद को उजागर कर दिया है। सिसोदिया के बयान पर सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए, अरोड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी काम के आधार पर लोगों के बीच जाएगी और ‘हाथ जोड़कर’ वोट मांगेगी। उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल और मेरी सोच एक जैसी है। हम अपने काम के आधार पर लोगों के पास जाते हैं।” उन्होंने विश्वास जताया कि पिछले साढ़े तीन सालों में किए गए कामों और भविष्य की योजनाओं के बल पर उन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिलेगा।
अमन अरोड़ा का यह बयान एक तरह से सिसोदिया के ‘साम-दाम-दंड-भेद’ वाले बयान से किनारा करने जैसा है। यह दिखाता है कि पार्टी के भीतर पंजाब जैसे संवेदनशील राज्य में चुनाव लड़ने की रणनीति को लेकर अलग-अलग राय है। जहां सिसोदिया ने एक आक्रामक और गैर-पारंपरिक तरीका अपनाने का संकेत दिया, वहीं अरोड़ा ने एक शांत और विकास-केंद्रित रणनीति पर जोर दिया है।
दूसरी ओर, भाजपा ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है। भाजपा के पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र की एक कॉपी साझा की। उन्होंने कहा कि आप नेता मनीष सिसोदिया का यह वीडियो बताता है कि वे किसी भी तरह से चुनाव जीतना चाहते हैं। जाखड़ ने आरोप लगाया कि ऐसे लोग पंजाब के माहौल को बिगाड़ने या राज्य को नुकसान पहुँचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से ‘आप’ द्वारा चुनाव प्रक्रिया को कमजोर करने के प्रयासों को रोकने की अपील की।
सिसोदिया के बयान और अरोड़ा की प्रतिक्रिया ने न केवल विपक्षी दलों को ‘आप’ पर हमला करने का मौका दिया है, बल्कि यह भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि पंजाब में पार्टी की चुनावी रणनीति क्या होगी। यह देखना बाकी है कि क्या ‘आप’ इस विवाद से उभरकर अपनी छवि को कैसे बचा पाती है।

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