
राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पर आतंकवाद के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुख्यात आतंकवादी और गैंगस्टर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही देश छोड़कर भागे। उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस की जवाबदेही तय करने की बात भी कही।
“कांग्रेस के राज में भागे दाऊद और मेमन”
गृह मंत्री शाह ने सदन में कहा, “दाऊद इब्राहिम कांग्रेस के राज में भागा। सैयद सलाउद्दीन, टाइगर मेमन, अनीस इब्राहिम, इकबाल भटकल और मिर्जा सादाब बेग जैसे आतंकवादी भी कांग्रेस के ही कार्यकाल में देश से फरार हुए।” उन्होंने सवाल किया कि इन आतंकियों के भागने की जिम्मेदारी कौन लेगा?
शाह ने कहा कि कांग्रेस को इस पर जवाब देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने बहस से किनारा कर लिया। “पहले आतंकियों को भगाया और अब खुद भी सदन से भाग गए,” शाह ने व्यंग्य करते हुए कहा।
बाटला हाउस मुठभेड़ का जिक्र, सोनिया गांधी पर निशाना
गृह मंत्री ने दिल्ली के बाटला हाउस मुठभेड़ का हवाला देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैंने टीवी पर सलमान खुर्शीद को सोनिया गांधी के घर से रोते हुए निकलते देखा। खुर्शीद ने कहा था कि सोनिया गांधी की आंखों में आंसू थे।”
शाह ने तीखे लहजे में कहा, “अगर आंसू बहाने ही थे, तो बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन शर्मा के लिए बहाए होते। कांग्रेस को तय करना चाहिए कि वह आतंकियों के साथ खड़ी है या देश के सुरक्षाबलों के साथ।”
“हिंदू कभी आतंकी नहीं हो सकता” – शाह
अमित शाह ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के उस बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने मुंबई हमलों को लेकर आरएसएस पर सवाल उठाया था। शाह ने कहा, “मुंबई हमलों के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमला आरएसएस ने कराया है। क्या इस तरह के बयान देकर आतंकियों को बचाने की कोशिश की जा रही थी?”
उन्होंने जोर देकर कहा, “मैं पूरे गर्व से कहता हूं कि हिंदू कभी टेररिस्ट नहीं हो सकता।”
जम्मू-कश्मीर में शांति लौटने का दावा
अपने वक्तव्य के अंत में शाह ने मोदी सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अब पथराव की घटनाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं। “2010 से 2015 के बीच वहां 2,564 पथराव की घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2024 के बाद एक भी घटना नहीं हुई।”
शाह ने आगे कहा कि अब पाकिस्तान समर्थित हुर्रियत नेताओं द्वारा हड़ताल की अपीलें भी बंद हो गई हैं। “पहले हर साल औसतन 132 दिन घाटी बंद रहती थी, लेकिन अब तीन साल से एक भी बंद नहीं हुआ। यह सरकार की सख्त नीति का परिणाम है।”
केंद्रीय गृह मंत्री के बयान ने संसद में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। जहां एक ओर उन्होंने आतंकवाद पर कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ की। कांग्रेस की ओर से इस पर फिलहाल कोई सीधा जवाब नहीं आया है, लेकिन आने वाले समय में यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है।

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