
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की संसदीय दल की बैठक एक देशभक्ति और गर्व के माहौल में संपन्न हुई। इस बैठक का मुख्य केंद्र बिंदु रहा भारतीय सेना द्वारा हाल ही में सफलतापूर्वक चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व की सर्वसम्मति से सराहना। बैठक में प्रधानमंत्री का स्वागत ‘हर हर महादेव’ के नारों और गगनभेदी तालियों के साथ किया गया।
एनडीए ने इस अवसर पर एक औपचारिक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण को नमन किया गया। साथ ही, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ जैसी सफल सैन्य कार्रवाइयों के लिए उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ : साहस, न्याय और भारतीय अस्मिता का प्रतीक
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ द्वारा अंजाम दिए गए इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इनमें से कई महिलाओं को धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया, उनके सिंदूर को मिटाने की कोशिश की गई — यह भारत की संस्कृति और अस्मिता पर सीधा हमला था।
इसके जवाब में, 6-7 मई की रात भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके में मौजूद आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर सटीक और निर्णायक हमला किया। यह कार्रवाई पूरी तरह से गैर-उकसाने वाली थी, लेकिन इसका संदेश स्पष्ट था — भारत अब आतंकी हमलों पर केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, सही समय पर जवाब भी देगा।
पीएम मोदी के नेतृत्व की सर्वत्र सराहना
बैठक में एनडीए ने प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़ नेतृत्व, रणनीतिक सोच और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की खुले दिल से प्रशंसा की। प्रस्ताव में कहा गया:
“एनडीए संसदीय दल इस कठिन समय में प्रधानमंत्री के असाधारण नेतृत्व की सराहना करता है। उनके अटूट संकल्प, दूरदर्शिता और निर्भीक नेतृत्व ने देश को न सिर्फ सशक्त दिशा दी है, बल्कि नागरिकों में गौरव और एकता की भावना भी जागृत की है।”

बैठक में यह भी याद किया गया कि कैसे प्रधानमंत्री ने बिहार की रैली में कहा था कि भारत प्रत्येक आतंकी और उसके समर्थकों को ढूंढेगा और दंडित करेगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसी संकल्प का सजीव उदाहरण बनकर सामने आया।
सेना के सम्मान में पूरा एनडीए एकजुट
बैठक की शुरुआत में भारतीय सेना के शौर्य को नमन करते हुए, 2014 से पहले और बाद के भारत की सुरक्षा स्थिति की तुलना की गई। यह बताया गया कि पहले पटना, मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद जैसे शहर आतंकी हमलों से थर्राते थे, लेकिन 2014 के बाद देश में सुरक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आया है।
एनडीए ने यह भी कहा कि ‘सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य अभियान का नाम नहीं, बल्कि भारतीय नारी शक्ति, अस्मिता और संस्कृति का प्रतीक है। आतंकियों द्वारा जो प्रयास भारत की आत्मा को चोट पहुंचाने के लिए किया गया, उसका जवाब सेना ने उसी संवेदनशीलता और तीव्रता से दिया।
नए सदस्यों का स्वागत और उपराष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा
बैठक में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने नव-नामित सदस्यों — उज्ज्वल निकम, सी. सदानंदन मास्टर, और हर्षवर्धन श्रृंगला का परिचय भी कराया। इस अवसर पर सभी सांसदों ने एक सुर में सरकार के आतंकी रुख के खिलाफ स्पष्ट नीति की सराहना की।
साथ ही, यह भी उल्लेख किया गया कि एनडीए अब उपराष्ट्रपति चुनाव की दिशा में बढ़ रहा है, जिसमें 7 अगस्त से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बहुमत के आधार पर यह चुनाव एक औपचारिकता माना जा रहा है, हालांकि उम्मीदवार की घोषणा 21 अगस्त से पहले होने की संभावना है।
‘हर हर महादेव’ के नारों के बीच भव्य स्वागत
बैठक में जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे, ‘हर हर महादेव’, ‘भारत माता की जय’, और ‘वंदे मातरम्’ जैसे जोशीले नारों से माहौल गूंज उठा। उन्हें माला पहनाकर सम्मानित किया गया और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए आभार जताया गया।
किरण रिजिजू ने यह भी कहा कि, “भारत अब किसी भी परमाणु शक्ति से ब्लैकमेल नहीं होगा। यदि भारत पर हमला होगा, तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”

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