
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव से ठीक एक दिन पहले सियासत और तेज हो गई है। सोमवार को भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने रेड्डी की राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात पर तीखा हमला बोलते हुए इसे विपक्ष की “नैतिकता का दिवालियापन” करार दिया।
“लोकतंत्र की मजबूती” बनाम “विवादास्पद चेहरा”
प्रसाद ने कहा कि 9 सितंबर को होने वाला उपराष्ट्रपति चुनाव लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। उन्होंने एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को संवैधानिक मूल्यों के प्रति समर्पित बताते हुए विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी को “विवादास्पद चेहरा” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, चाहे वह भ्रष्टाचार के दोषी नेताओं से समर्थन लेने की बात ही क्यों न हो।
लालू से मुलाकात पर हमला
भाजपा सांसद ने विशेष रूप से लालू प्रसाद यादव से रेड्डी की मुलाकात को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “रेड्डी अपनी वोट अपील में कहते हैं कि यह चुनाव देश की आत्मा बचाने का है। लेकिन वे चारा घोटाले में दोषी करार दिए गए लालू से वोट मांगने जाते हैं। यह किस तरह की नैतिकता है? आप किस तरह के रिटायर्ड जज हैं जो भ्रष्टाचार के अपराधी से समर्थन की गुहार लगाते हैं?”
प्रसाद ने चारा घोटाले की याद दिलाते हुए कहा कि पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अंजाम तक पहुंचाया। ऐसे में सजा भुगत चुके नेता से मुलाकात विपक्ष की सत्ता की लालसा को उजागर करती है।
सलवा जुडूम फैसले पर सवाल
रविशंकर प्रसाद ने रेड्डी के पुराने फैसले पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2011 में आए सलवा जुडूम मामले के फैसले को “न्यायिक आदेश कम और वामपंथी भाषण ज्यादा” कहा जाता है। उनके मुताबिक, यह फैसला माओवाद को बढ़ावा देने वाला था। उन्होंने कहा कि अगर यह आदेश न आता, तो नक्सलवाद 2020 तक खत्म हो सकता था। प्रसाद ने स्पष्ट किया कि भाजपा सभी जजों का सम्मान करती है, लेकिन जब कोई चुनावी मैदान में उतरकर बड़े-बड़े बयान देता है तो सवाल उठना स्वाभाविक है।
कर्नाटक की घटना पर कांग्रेस पर वार
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविशंकर प्रसाद ने कर्नाटक के मंड्या जिले के मड्डूर कस्बे में रविवार रात हुई पथराव की घटना पर भी कांग्रेस सरकार को घेरा। गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान राम रहीम नगर इलाके में मस्जिद के पास मूर्ति यात्रा पर पत्थर फेंके गए। इस घटना में आठ लोग घायल हुए और पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया।
प्रसाद ने कहा, “उत्तर प्रदेश या मध्य प्रदेश में ऐसी घटनाएं क्यों नहीं होतीं? कांग्रेस का अल्पसंख्यक तुष्टिकरण ही शांति भंग कर रहा है। असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार की ढिलाई से ही साम्प्रदायिक तनाव बढ़ रहा है।

खड़गे के बयान पर विवाद
भाजपा नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कलबुर्गी में बाढ़ प्रभावित एक किसान से बातचीत का वीडियो दिखाया, जिसमें किसान ने अपनी चार एकड़ फसल बर्बाद होने की व्यथा सुनाई थी। जवाब में खड़गे ने कहा, “आप यहां क्यों आए? दिखावा क्यों? आपकी चार एकड़ गई, मेरी 40 एकड़।”
प्रसाद ने इसे किसानों का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि जब गरीब किसान मदद की गुहार लेकर सत्ता के दरवाजे पर पहुंचा, तो उसे तिरस्कार का सामना करना पड़ा। उन्होंने राहुल गांधी को भी घेरा और कहा कि सार्वजनिक जीवन में “ब्रेक” नहीं होता। कर्नाटक और पंजाब में बाढ़ से तबाही मची, लेकिन राहुल गांधी जनता के बीच नहीं गए।
किसानों की मांगें
कलबुर्गी जिले के चित्तापुर क्षेत्र में कागिना नदी के उफान से कई गांव प्रभावित हैं। किसानों ने सरकार से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने और राहत पैकेज देने की मांग की है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार न तो किसानों की व्यथा समझ रही है और न ही राहत कार्यों में तेजी दिखा रही है।
उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले भाजपा और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो गया है। जहां भाजपा विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी की लालू प्रसाद से मुलाकात और पुराने फैसलों पर सवाल उठा रही है, वहीं कांग्रेस सरकार पर भी संवेदनशील मुद्दों को लेकर घेराबंदी की जा रही है। अब नजर इस पर है कि 9 सितंबर को होने वाले मतदान में कौन-सा पक्ष ज्यादा मजबूती के साथ उभरकर सामने आता है।

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