
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा होते ही प्रदेश की सियासत गरमा गई है। ब्लॉक प्रमुख जैसे अहम पदों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने अपने समर्थित प्रत्याशियों के लिए रणनीति बनाने से लेकर जमीनी स्तर पर प्रचार की कमान वरिष्ठ नेताओं को सौंप दी है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने जानकारी दी कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर सभी जिलों में चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिए गए हैं।
गढ़वाल मंडल में हर ब्लॉक के लिए प्रभारी तय
गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले से लेकर चमोली, टिहरी, देहरादून और पौड़ी जैसे जिलों में भाजपा ने हर ब्लॉक के लिए अलग प्रभारी तैनात किए हैं। उत्तरकाशी के नौगांव में डॉ. विजय बडोनी, पुरोला में सत्ये सिंह राणा और मोरी में नारायण सिंह चौहान को जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह चिन्यालीसैंण से लेकर नरेंद्रनगर, प्रतापनगर, चंबा, थौलधार और जौनपुर तक हर क्षेत्र के लिए अनुभवी नेताओं को मैदान में उतारा गया है। देहरादून जिले में कालसी से लेकर रायपुर और डोईवाला जैसे शहरी-ग्रामीण ब्लॉकों में भी चुनाव प्रभारी तैनात किए गए हैं।
चमोली और पौड़ी में भी सधी रणनीति
चमोली जिले में दसौली से लेकर कर्णप्रयाग तक अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं पौड़ी जिले में कोट, खिर्सू, पाबो, यमकेश्वर और द्वारीखाल जैसे कई ब्लॉकों के लिए भी वरिष्ठ नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा पंचायत स्तर पर संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने पर फोकस कर रही है।
कुमाऊं में भी नहीं छोड़ रही कोई कसर
गढ़वाल के साथ-साथ कुमाऊं मंडल में भी पार्टी ने व्यापक रणनीति तैयार की है। पिथौरागढ़ जिले में धारचूला से लेकर गंगोलीहाट तक अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत और नैनीताल जिलों में भी द्वाराहाट, भीमताल, धारी, रामगढ़, जसपुर और काशीपुर जैसे ब्लॉकों के लिए प्रभारियों के नाम घोषित कर दिए गए हैं।

बूथ स्तर तक मजबूत संगठन की तैयारी
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि पंचायत चुनाव भले ही गैर-राजनीतिक कहे जाते हों, लेकिन जमीनी स्तर पर संगठन की पकड़ और कार्यकर्ताओं का नेटवर्क मजबूत करने का इससे बेहतर मौका नहीं होता। भाजपा इस रणनीति के जरिए 2027 विधानसभा चुनाव से पहले गांव-गांव तक अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
प्रदेश नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि हर प्रभारी न केवल जीत सुनिश्चित करेगा बल्कि प्रत्याशियों के चयन से लेकर बूथ प्रबंधन तक की पूरी जिम्मेदारी निभाएगा। इससे आने वाले दिनों में पंचायत चुनावों में मुकाबला और दिलचस्प होने की संभावना है।

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