
बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, और इस बार चर्चा का केंद्र बने हैं पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव। बुधवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने महागठबंधन के सीट बंटवारे, कांग्रेस की भूमिका और राज्य की मौजूदा सियासी परिस्थितियों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। उनके बयान ने न केवल गठबंधन की रणनीति पर सवाल उठाए, बल्कि विपक्षी दलों और चुनाव आयोग पर भी तीखे आरोप लगाए।
आरजेडी को सलाह: नेतृत्व चाहिए तो उदारता दिखाएं
पप्पू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि अगर वह महागठबंधन का नेतृत्व करना चाहता है, तो उसे बड़ा दिल दिखाना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि आरजेडी को 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, जबकि बाकी सीटें कांग्रेस, भाकपा-माले और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) जैसे सहयोगी दलों को दी जानी चाहिए। उनका मानना है कि गठबंधन की सफलता के लिए सभी दलों को बराबरी का सम्मान मिलना चाहिए।
कांग्रेस की अहमियत पर जोर
उन्होंने कांग्रेस को गठबंधन की रीढ़ बताते हुए कहा, “कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और सीमांचल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उसकी मजबूत उपस्थिति है। कांग्रेस के बिना INDIA गठबंधन का कोई वजूद नहीं है।” पप्पू यादव ने यह भी कहा कि कांग्रेस को सीमांचल क्षेत्र में अधिक सीटें दी जानी चाहिए, ताकि वहां की सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों का बेहतर समाधान निकल सके।
प्रशांत किशोर पर कटाक्ष
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर को लेकर पप्पू यादव ने तीखा तंज कसते हुए कहा, “प्रशांत किशोर ना तीन में हैं, ना तेरह में। वे बस इस इंतजार में हैं कि दूसरे दलों के नेता आएं, ताकि वह उन्हें टिकट दे सकें।” उनके इस बयान से स्पष्ट है कि वे प्रशांत किशोर की राजनीतिक रणनीति और भूमिका को गंभीरता से नहीं लेते।
एनडीए में दरार और भाजपा की रणनीति पर सवाल
पप्पू यादव ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की आंतरिक स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा न तो चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को और न ही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को तवज्जो दे रही है। उन्होंने दावा किया कि जेडीयू में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर अंदरूनी घमासान चल रहा है और भाजपा इस विवाद को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है।

चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
चुनाव आयोग को लेकर पप्पू यादव ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयोग भाजपा को पिछले दरवाजे से सत्ता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। उनके अनुसार, निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद तभी की जा सकती है जब आयोग राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर काम करे।
बदलाव की मांग और एकजुटता की अपील
पप्पू यादव ने कहा कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है। उन्होंने महागठबंधन के सभी घटक दलों से अपील की कि वे आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट हों और जनता के हित में काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन को केवल सीटों की राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक न्याय और विकास के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
पप्पू यादव के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है। जहां एक ओर उन्होंने कांग्रेस की भूमिका को केंद्रीय बताया, वहीं दूसरी ओर आरजेडी को नेतृत्व के साथ जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी। प्रशांत किशोर और एनडीए पर उनके कटाक्ष ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। अब देखना होगा कि महागठबंधन इन सुझावों को कितना गंभीरता से लेता है और आगामी चुनावों में किस रणनीति के साथ मैदान में उतरता है।

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