
जैसे-जैसे 15 अगस्त नजदीक आ रहा है, देशभर में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। इस बार का 79वां स्वतंत्रता दिवस न केवल राष्ट्र की गौरवगाथा का प्रतीक होगा, बल्कि जनता की सहभागिता से और भी खास बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर लोकतांत्रिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देशवासियों से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के लिए सुझाव मांगे हैं।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लोगों से आह्वान किया कि वे इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस पर उनके भाषण में किन विषयों को सुनना चाहते हैं, उसके बारे में ‘माय जीओवी’ पोर्टल और ‘नमो ऐप’ के ओपन फोरम पर अपने विचार साझा करें। उन्होंने लिखा:
“जैसे-जैसे हम इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस की ओर बढ़ रहे हैं, मैं अपने साथी भारतीयों से सुनने के लिए उत्सुक हूं! आप इस साल के स्वतंत्रता दिवस भाषण में किन विषयों या विचारों को प्रतिबिंबित होते देखना चाहेंगे?”
प्रधानमंत्री मोदी ने narendramodi.in वेबसाइट पर भी आमंत्रण दिया है, जिसमें लिखा गया है कि “आपके विचार प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण का हिस्सा बन सकते हैं—अभी साझा करें!”
जनता की भागीदारी से बनता है जनसंवाद
यह पहल केवल एक औपचारिक संवाद नहीं, बल्कि जन-जन से जुड़ने की एक सशक्त लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी अपने भाषणों में नागरिकों से मिले सुझावों को शामिल कर चुके हैं। वर्ष 2023 के स्वतंत्रता दिवस पर भी उन्होंने नागरिकों के भेजे गए विचारों का उल्लेख करते हुए कहा था कि “विकसित भारत 2047 कोई भाषण नहीं, बल्कि देश के कोटि-कोटि जनों के संकल्पों का परिणाम है।”
उन्होंने बताया था कि देश के हर वर्ग—युवा, किसान, महिला, आदिवासी, शहर और गांव के लोग—ने जबरदस्त उत्साह से भाग लिया था और उनके सुझाव ‘विकसित भारत’ के सपने को दिशा देने वाले बने।
एक सशक्त, समावेशी और दूरदर्शी भारत की ओर कदम
इस वर्ष भी प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम दर्शाता है कि वे हर नागरिक की आवाज को महत्व देते हैं। उनके लिए हर व्यक्ति का विचार, चाहे वह किसी भी सामाजिक, आर्थिक या क्षेत्रीय पृष्ठभूमि से हो, देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण है।
इस पहल के माध्यम से नागरिक शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, तकनीकी प्रगति, महिला सशक्तिकरण, युवाओं की भूमिका, कृषि सुधार, स्वदेशी उत्पादों का प्रचार, आत्मनिर्भर भारत, और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका जैसे कई विषयों पर अपने सुझाव भेज सकते हैं।
हर भारतीय बन सकता है राष्ट्र निर्माण का भागीदार
प्रधानमंत्री मोदी की यह अपील केवल एक भाषण को समृद्ध करने का प्रयास नहीं, बल्कि हर भारतीय को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भागीदार बनाने की प्रतिबद्धता है। यह लोकतंत्र की असली ताकत है—जब नेता जनता से जुड़ते हैं, और जनता अपनी बात खुलकर साझा करती है। ऐसे में यह स्वतंत्रता दिवस सिर्फ तिरंगा फहराने का दिन नहीं, बल्कि ‘जन से जननीति’ की ओर बढ़ते भारत की कहानी कहेगा। अब देश की आवाज लाल किले से गूंजेगी—आपकी बात, आपके सुझाव, आपके सपनों के साथ।

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