
देशभर में आज 79वां स्वतंत्रता दिवस उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से 12वीं बार तिरंगा फहराया और देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने इस दिन को “140 करोड़ संकल्पों का महापर्व” बताते हुए इसे एकजुट भारत की ताकत और गौरव का प्रतीक कहा।
21 तोपों की सलामी और तिरंगे का लहराना
सुबह ध्वजारोहण के साथ ही 1721 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) द्वारा 21 तोपों की सलामी दी गई। इस सलामी में पूरी तरह स्वदेशी 105 मिमी लाइट फील्ड गन का इस्तेमाल हुआ, जिसकी कमान मेजर पवन सिंह शेखावत के पास थी। गन पोज़िशन ऑफिसर की जिम्मेदारी नायब सूबेदार अनुतोष सरकार ने निभाई। प्रधानमंत्री के साथ तिरंगा फहराने में वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर रशिका शर्मा ने सहयोग किया।

स्वतंत्रता दिवस को बताया “सामूहिक गौरव का पर्व”
देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,
“आजादी का यह महापर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व है। यह सामूहिक सिद्धियों और गौरव का पर्व है। हृदय उमंग से भरा हुआ है, देश एकता की भावना को और मजबूती दे रहा है। हर घर तिरंगे के रंग में रंगा है। भारत के हर कोने से एक ही गूंज उठ रही है— हमारी प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान।”
उन्होंने कहा कि 1947 में देश अनंत संभावनाओं और सामर्थ्य के साथ आजाद हुआ था। चुनौतियां बड़ी थीं, लेकिन संकल्प उससे भी बड़े। पूज्य महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए संविधान सभा के सदस्यों ने देश के लिए मजबूत नींव रखी।
संविधान निर्माताओं और नायकों को किया नमन
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का संविधान 78 वर्षों से हमारे लिए प्रकाश स्तंभ की तरह मार्गदर्शन करता रहा है। मैं डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बाबा साहेब अंबेडकर, पंडित नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सर्वपल्ली राधाकृष्णन और नारी शक्ति के योगदान को नमन करता हूं।” उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती का भी स्मरण किया और कहा कि अनुच्छेद 370 हटाकर “एक देश, एक संविधान” का सपना साकार करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि थी।

राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि
समारोह से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उन्होंने परेड का निरीक्षण किया। ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से भेंट की।
लाल किले पर उमड़ा देशभक्ति का सैलाब
तिरंगे के लहराते ही पूरे देश में जोश और उमंग का माहौल बन गया। राजधानी दिल्ली सहित पूरे भारत में घर-घर तिरंगा अभियान के तहत लोग अपने घरों, संस्थानों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते नजर आए। लाल किले पर आयोजित मुख्य समारोह में हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें विशेष अतिथि के रूप में स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित व्यक्तित्व, खेल जगत के सितारे, ग्राम सरपंच और सफाईकर्मी मौजूद रहे।
भविष्य के भारत का विजन
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को “विकसित भारत” के संकल्प के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र बनाना है। इसके लिए हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी।” उन्होंने युवाओं से नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने, किसानों से टिकाऊ खेती अपनाने और नागरिकों से स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण व सामुदायिक सेवा में योगदान देने का आह्वान किया।
सुरक्षा और आयोजन की भव्यता
दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। लाल किला परिसर और आसपास के क्षेत्रों में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। समारोह में सेना, नौसेना और वायुसेना के 96 जवानों का गार्ड ऑफ ऑनर, कैडेट्स की प्रस्तुति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने माहौल को और गरिमामय बना दिया।
प्रधानमंत्री के भाषण के साथ ही स्वतंत्रता दिवस का यह पर्व सिर्फ स्मरण का दिन नहीं, बल्कि भविष्य की ओर बढ़ते “नए भारत” का संकल्प बन गया।

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