
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष शिगेरु इशिबा ने शुक्रवार को एक संयुक्त प्रेस वार्ता में भारत और जापान के बीच संबंधों को एक नए युग में ले जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने अपनी “स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप” को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया, जिसके तहत आगामी दशक के लिए एक महत्वाकांक्षी खाका तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री इशिबा के गर्मजोशी भरे स्वागत और आत्मीय शब्दों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज की उनकी चर्चा “उपयोगी और उद्देश्यपूर्ण” रही है, जिससे दोनों देशों के बीच भविष्य की राहें और स्पष्ट हुई हैं।
साझेदारी का वैश्विक महत्व
पीएम मोदी ने इस साझेदारी को केवल द्विपक्षीय हितों तक सीमित न मानते हुए इसके वैश्विक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत और जापान न केवल दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, बल्कि जीवंत लोकतंत्र भी हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे में उनकी साझेदारी का विस्तार वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मजबूत लोकतंत्र एक बेहतर विश्व व्यवस्था गढ़ने के लिए स्वाभाविक साझेदार हैं।” यह बयान दर्शाता है कि दोनों देशों का सहयोग केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामरिक और वैचारिक भी है।
नए दशक के लिए रोडमैप और लक्ष्य
पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने अपनी साझेदारी में एक सुनहरे अध्याय की नींव रखी है और आने वाले दशक के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है। इस साझा दृष्टिकोण में कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं, जैसे कि निवेश, नवाचार, आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी सहयोग, स्वास्थ्य सेवाएं, गतिशीलता, जन-से-जन संपर्क और दोनों देशों के राज्यों व प्रीफेक्चर्स के बीच सीधी साझेदारी।
इस रोडमैप में सबसे प्रमुख लक्ष्य अगले दस वर्षों में जापान से 10 ट्रिलियन येन का निवेश आकर्षित करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा कदम है, जो दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास और मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर जोर
संयुक्त प्रेस वार्ता में कई महत्वपूर्ण पहलों की भी घोषणा की गई, जो दोनों देशों के सहयोग को एक नई दिशा देंगी। सतत विकास की दिशा में, भारत और जापान एक सस्टेनेबल फ्यूल्स इनिशिएटिव और बैटरी सप्लाई चेन पार्टनरशिप की शुरुआत करने जा रहे हैं।
इसके अलावा, दोनों देशों ने इकोनॉमिक सिक्योरिटी कोऑपरेशन इनिशिएटिव लॉन्च करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत महत्वपूर्ण और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को दोनों देशों की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर रखा गया है। इस दिशा में डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 और एआई कोऑपरेशन इनिशिएटिव पर काम शुरू होगा। साथ ही, सेमीकंडक्टर्स और रेयर अर्थ मिनरल्स जैसे भविष्य के रणनीतिक क्षेत्रों को भी साझा एजेंडे में सबसे ऊपर रखा गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि इन पहलों से भारत-जापान संबंध न केवल आर्थिक और तकनीकी दृष्टि से मजबूत होंगे, बल्कि वैश्विक मंच पर भी नई दिशा प्रदान करेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में दोनों देशों की साझेदारी विश्व शांति, स्थिरता और विकास की राह को और सुदृढ़ करेगी।

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