
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए भारतीय सेना की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने वालों और उनके आकाओं—चाहे वो पाकिस्तान में हों या कहीं और—को अब भारी कीमत चुकानी होगी। मोदी ने कहा, “अब अगर भारत पर हमला होगा तो हम अपनी शर्तों, अपने समय और अपने तरीके से जवाब देंगे।”
तीन सूत्रीय नीति का ऐलान
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की नई सुरक्षा नीति का परिचायक बताते हुए तीन महत्वपूर्ण सूत्रों की घोषणा की:—–
- आतंकी हमलों का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा।
- न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- भारत अब आतंकी सरपरस्त सरकार और आतंकियों के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेगा।
उन्होंने कहा, “हमने सिंदूर से सिंधू तक कार्रवाई की है, जिससे भारत की क्षमता और रणनीति का दायरा दुनिया ने देखा है।”
दुनिया का साथ, लेकिन कांग्रेस का नहीं
विदेश नीति पर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के 193 देशों में से सिर्फ तीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया। बाकी दुनिया भारत के साथ खड़ी रही। चाहे क्वाड हो, ब्रिक्स हो या फ्रांस, रूस, जर्मनी जैसे देश—भारत को पूरा समर्थन मिला।”
लेकिन इसी संदर्भ में उन्होंने कांग्रेस पर करारा वार करते हुए कहा कि जब देश के वीर जवान ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपनी जान की बाजी लगा रहे थे, तब कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला। “मेरे देश के वीरों को दुनिया ने सराहा, लेकिन कांग्रेस ने नहीं।”
राजनीति के लिए सेना के पराक्रम पर सवाल
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ अपनी राजनीति के लिए सेना के साहस और ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रही है। उन्होंने कहा, “22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद कुछ नेता कह रहे थे, ‘कहां गई 56 इंच की छाती’? उन्होंने ऑपरेशन को मजाक बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की।”
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इस तरह की बयानबाजी और “छिछोरापन” सिर्फ सेना का मनोबल गिराने का काम करता है।
सीमा पार के प्रचार में लगे विपक्षी नेता
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों पर झूठ और प्रोपेगेंडा फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “10 मई को जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई रोकी गई, तो कुछ नेता सेना की बातों को नजरअंदाज कर पाकिस्तान के झूठे प्रचार को आगे बढ़ाने लगे।”
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत की नीति और इरादे बिल्कुल स्पष्ट हैं और कोई भी देश अब भारत की सुरक्षा नीति पर सवाल नहीं उठा सकता। उन्होंने कहा, “देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि एकता दिखाई जानी चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी का संसद में दिया गया भाषण न केवल सेना की बहादुरी की सराहना था, बल्कि विपक्ष को एक स्पष्ट संदेश भी था कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों पर राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप का कोई स्थान नहीं है। उनका कहना था कि भारत अब नया भारत है, जो किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है—कूटनीति से भी और कारवाई से भी।

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