
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधि करने वाले हैं, जिसमें उन्होंने आगामी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 2.0 सुधारों पर विस्तार से बात करेंगे। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले से किए गए अपने वादे को दोहराते हुए कहा था कि सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ये नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी। प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले ही इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे जीएसटी सुधारों पर ही बात करेंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में एक नई जान आएगी और आम जनता की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा।
जीएसटी 2.0: आम जरूरत की वस्तुओं पर टैक्स में भारी कटौती
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे। इस बैठक में आम आदमी की जरूरत की कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भारी कटौती की गई है। इस फैसले के तहत, हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर और अन्य घरेलू सामानों पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत या 12 प्रतिशत से घटाकर सीधे 5 प्रतिशत कर दी गई है। यह कदम सीधे तौर पर लाखों परिवारों के मासिक बजट को प्रभावित करेगा और उन्हें राहत देगा।
इसके अलावा, कुछ खास खाद्य पदार्थों पर भी टैक्स में बड़ी छूट दी गई है। बहुत अधिक तापमान वाले (UHT) दूध और पहले से पैक किए गए छेना या पनीर पर जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। इसी तरह, भारत में आम तौर पर इस्तेमाल होने वाली सभी प्रकार की भारतीय ब्रेड (चपाती, पराठा आदि) पर भी जीएसटी पूरी तरह से हटा दिया गया है। ये फैसले सीधे-सीधे गरीबों और मध्यम वर्ग के परिवारों को लाभ पहुंचाएंगे, क्योंकि ये वस्तुएं रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा हैं।
उद्योगों और स्वास्थ्य क्षेत्र को भी प्रोत्साहन
जीएसटी 2.0 का प्रभाव सिर्फ आम जनता तक सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री बताएंगे कि कृषि और श्रम-आधारित वस्तुओं, दवाओं, औषधियों, और कई चिकित्सा उपकरणों पर भी जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत पर बनाए रखा गया है। नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों और उनके उत्पादन, साथ ही मानव निर्मित कपड़ों पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा। यह कदम इन क्षेत्रों को प्रोत्साहन देगा और देश की आर्थिक वृद्धि में मदद करेगा।

इसी तरह, कुछ विलासिता और बड़े उपभोग की वस्तुओं पर भी दरों को तर्कसंगत बनाया गया है। एसी, डिशवॉशिंग मशीन, छोटी कार और 350 सीसी या उससे कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा, ऑटो कलपुर्जे और बस, ट्रक, एंबुलेंस जैसे वाणिज्यिक वाहनों पर भी जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जो परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक कदम है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘स्वदेशी’ का आह्वान
हालांकि, प्रधानमंत्री का संबोधन मुख्य रूप से जीएसटी पर केंद्रित रहेगा, लेकिन उन्होंने ‘स्वदेशी’ उत्पादों के उपयोग और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के सरकार के आह्वान को भी दोहरा सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील करेंगे कि वे स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें, जिससे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिले और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
इसके अलावा, इस बात की भी अटकलें हैं कि कि प्रधानमंत्री अमेरिका में एच-1बी वीजा धारकों पर हाल ही में हुई कार्रवाई पर भी अपने विचार रख सकते हैं, जिसका सीधा असर अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों पर पड़ता है।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री का संबोधन जीएसटी 2.0 को एक बड़े सुधार के रूप में प्रस्तुत कर सकता है, जिसका उद्देश्य आम आदमी के जीवन को सरल बनाना और अर्थव्यवस्था को गति देना है। यह कदम सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह लोगों पर कर का बोझ कम करके उपभोग को बढ़ावा देना चाहती है, जिससे अंततः देश का आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सके।

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