
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के हंसलपुर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान भारत में निर्मित मारुति सुजुकी की पहली वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) ‘ई-विटारा’ को हरी झंडी दिखाकर 100 से अधिक देशों के लिए निर्यात की शुरुआत करने वाले हैं। इस ऐतिहासिक मौके को प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत और हरित गतिशीलता की दिशा में एक “विशेष दिन” करार दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “भारत की आत्मनिर्भरता और हरित गतिशीलता के केंद्र बनने की दिशा में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। हंसलपुर में ‘ई-विटारा’ को हरी झंडी दिखाई जाएगी। यह भारत में निर्मित बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन 100 से अधिक देशों को निर्यात किया जाएगा।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी एक बयान जारी करते हुए जानकारी दी कि पीएम मोदी ने न केवल ई-विटारा के निर्यात का शुभारंभ किया, बल्कि उसी कार्यक्रम के दौरान गुजरात स्थित टीडीएस लिथियम-आयन संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय उत्पादन की भी शुरुआत की। यह संयंत्र तोशिबा, डेंसो और सुजुकी के संयुक्त उद्यम के तहत स्थापित किया गया है, जो देश के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और नवाचार को प्रोत्साहन देगा।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह पहल भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे विजनों को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने बताया कि ई-विटारा न केवल भारत में डिजाइन और निर्मित की गई है, बल्कि अब इसका निर्यात दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में किया जाएगा, जिससे भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा।
बैटरी उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर कदम
गुजरात के टीडीएस संयंत्र में शुरू हुआ हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड का निर्माण भारत के बैटरी इकोसिस्टम को मजबूती देने की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है। इससे अब देश में 80 प्रतिशत से अधिक बैटरी निर्माण का कार्य घरेलू स्तर पर ही संभव होगा, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
यह संयंत्र न केवल उत्पादन का केंद्र बनेगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा। इसके माध्यम से भारत में उच्च गुणवत्ता वाली, पर्यावरण-अनुकूल बैटरियों का निर्माण किया जाएगा जो वैश्विक मानकों के अनुरूप होंगी।
‘ई-विटारा’: भारत की तकनीकी क्षमता का प्रतीक
मारुति सुजुकी द्वारा विकसित ई-विटारा पूरी तरह से भारत में डिजाइन और तैयार की गई है। यह मॉडल न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि भारतीय और वैश्विक उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ई-विटारा के वैश्विक स्तर पर लॉन्च के साथ भारत अब इलेक्ट्रिक वाहन निर्यात के क्षेत्र में एक अहम खिलाड़ी के रूप में स्थापित हो गया है।
हरित परिवहन की दिशा में नई दिशा
ई-विटारा की लॉन्चिंग और बैटरी संयंत्र का उद्घाटन भारत के हरित परिवहन क्षेत्र को नया बल देगा। यह पहल न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने की भारत की वैश्विक प्रतिबद्धताओं को भी मजबूती प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, बल्कि हरित और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में भी वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। ‘ई-विटारा’ की वैश्विक निर्यात यात्रा और देश में बैटरी उत्पादन की शुरुआत यह दर्शाती है कि भारत अब सिर्फ तकनीक का उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक निर्माता और निर्यातक भी बन चुका है।

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