
जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को बिहार के युवाओं की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है, बल्कि उनका ध्यान केवल लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव पर है। गोपालगंज के हथुआ विधानसभा में ‘बिहार बदलाव जनसभा’ को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी के एक हालिया बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रशांत किशोर उनके ‘फोकस’ में नहीं हैं।
राहुल गांधी पर प्रशांत किशोर का तंज
प्रशांत किशोर ने तंज भरे लहजे में कहा, “राहुल गांधी बहुत बड़े आदमी हैं। उनके फोकस में बिहार का युवा नहीं, बल्कि देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। हम लोगों को बिहार से मतलब है।” उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी एक पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे हैं, इसलिए उनके लिए प्रशांत किशोर या बिहार जैसे राज्य को अपने ‘फोकस’ में रखना स्वाभाविक नहीं है। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनका एकमात्र लक्ष्य बिहार और यहां के युवाओं की समस्याओं को हल करना है, ताकि राज्य से पलायन को रोका जा सके।
प्रशांत किशोर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर नेतृत्व और रणनीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। प्रशांत किशोर लगातार बिहार में अपनी जन सुराज यात्रा के माध्यम से एक वैकल्पिक राजनीतिक मंच तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं और कांग्रेस को भी निशाने पर ले रहे हैं।
जन सुराज की अनोखी उम्मीदवारी प्रक्रिया
पत्रकारों से बातचीत के दौरान जन सुराज पार्टी में टिकट वितरण से जुड़े एक सवाल पर प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की पारदर्शिता और जन-केंद्रित प्रक्रिया को समझाया। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारी के लिए आवेदन शुल्क 21 हजार रुपये है, जिसे कोई भी वहन कर सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी में टिकट बिकते नहीं हैं, बल्कि जनता स्वयं उम्मीदवार का चयन करेगी। प्रशांत किशोर ने कहा, “यह कोई राजद, भाजपा या कांग्रेस नहीं है, जहां टिकट बिकता है। यहां जनता तय करेगी कि किसे जन सुराज का उम्मीदवार बनाना है।”

बिहार की बदहाली को खत्म करने का वादा
अपनी जनसभा में प्रशांत किशोर ने बिहार के लोगों से कई बड़े वादे किए। उन्होंने घोषणा की कि अगर जन सुराज की सरकार बनती है, तो दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2,000 रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी एक बड़ा वादा किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं हो जाता, तब तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाया जाएगा और उनकी फीस सरकार भरेगी। उनका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ सके।
प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि यह साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। उन्होंने कहा कि जन सुराज की सरकार बनने पर बिहार के 50 लाख युवाओं को वापस बुलाया जाएगा और उन्हें यहीं पर 10-12 हजार रुपये की नौकरी दी जाएगी, जिससे उन्हें रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
प्रशांत किशोर का यह अभियान बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति में एक नया समीकरण बनाने की कोशिश कर रहा है। जहां एक ओर वह पारंपरिक राजनीतिक दलों पर हमला कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वह सीधे जनता से जुड़कर उनके मुद्दों को उठा रहे हैं और उन्हें एक बेहतर भविष्य का सपना दिखा रहे हैं। उनके वादे और राहुल गांधी पर उनका हमला बिहार की राजनीति में आने वाले समय में एक नई बहस छेड़ सकता है।

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