
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देशभर के प्रमुख नेताओं ने आज आचार्य विनोबा भावे की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। नेताओं ने भारत के आध्यात्मिक, सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में उनके महान योगदानों को याद किया। इस मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया के माध्यम से आचार्य विनोबा भावे के आदर्शों को नमन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘उनके विचार एक विकसित भारत के लिए प्रेरित करते हैं’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी एक संदेश में आचार्य विनोबा भावे को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्हें “भारत के सबसे सम्मानित आध्यात्मिक नेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों में से एक” के रूप में याद किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विनोबा भावे का जीवन गांधीवादी आदर्शों को लोकप्रिय बनाने और समाज के हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित था। उन्होंने कहा, “उनके विचार हमें एक विकसित भारत के निर्माण के लिए बहुत प्रेरित करते हैं।” पीएम मोदी के इस संदेश ने विनोबा भावे के आदर्शों को राष्ट्रीय विकास के साथ जोड़ा।
भूदान आंदोलन और सामाजिक न्याय का मार्ग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विनोबा भावे को श्रद्धांजलि देते हुए उनके भूदान आंदोलन की सराहना की। उन्होंने लिखा, “भारत के महान विचारक और समाज सुधारक आचार्य विनोबा भावे जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन। उन्होंने भूदान आंदोलन के माध्यम से सामाजिक न्याय और समानता का मार्ग प्रशस्त किया।” सिंह ने कहा कि विनोबा भावे के आदर्श, जो करुणा, अहिंसा और निस्वार्थ सेवा पर आधारित हैं, हमेशा राष्ट्र निर्माण में प्रेरणा देते रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी विनोबा भावे को “सच्चा संत” और “गांधीजी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी” बताया। उन्होंने कहा कि भूदान आंदोलन की प्रेरक शक्ति रहे विनोबा भावे ने अपना जीवन करुणा और निस्वार्थ सेवा के लिए समर्पित कर दिया। सोनोवाल ने लिखा, “उनके आदर्श एक समावेशी और आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प को प्रेरित करते रहते हैं।”
आध्यात्मिक गुरु और दूरदर्शी विचारक
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विनोबा भावे को एक “दूरदर्शी विचारक, आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक” के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित उनका जीवन सभी को प्रेरित करता रहेगा। जोशी के इस संदेश ने विनोबा भावे के बहुआयामी व्यक्तित्व को रेखांकित किया, जो सिर्फ एक सामाजिक कार्यकर्ता नहीं, बल्कि एक गहरे विचारक भी थे।
सादगी, शुचिता और जन-जन के लिए प्रेरणा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विनोबा भावे को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी बताया। उन्होंने कहा, “समाज के उत्थान एवं कल्याण के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनका सादगी व शुचितापूर्ण जीवन जन-जन के लिए पाथेय है।” योगी आदित्यनाथ ने विनोबा भावे के सादगीपूर्ण जीवन को आम जनता के लिए एक मार्गदर्शक बताया, जो आज के समय में भी प्रासंगिक है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी विनोबा भावे को नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा, “विनोबा भावे का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र और समाज की सेवा को समर्पित रहा।” गुप्ता ने कहा कि भूदान और सर्वोदय आंदोलन के माध्यम से उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे गरीब, वंचित और पिछड़े वर्ग के जीवन में आशा और परिवर्तन का संचार हुआ। उन्होंने कहा कि विनोबा भावे के आदर्श, त्याग और विचारधारा एक समतामूलक, न्यायपूर्ण और मानवीय समाज के निर्माण की प्रेरणा देते रहेंगे।
कुल मिलाकर, देशभर के नेताओं द्वारा दी गई ये श्रद्धांजलि दर्शाती हैं कि आचार्य विनोबा भावे का योगदान किसी एक राजनीतिक विचारधारा तक सीमित नहीं है। उनके आदर्शों और विचारों ने सभी दलों के नेताओं को प्रभावित किया है, जो आज भी भारत के सामाजिक और राजनीतिक जीवन में प्रासंगिक बने हुए हैं। उनके भूदान आंदोलन, जिसे उन्होंने अहिंसक तरीके से जमीन का पुनर्वितरण करने के लिए चलाया था, को आज भी एक अनूठे सामाजिक सुधार आंदोलन के रूप में याद किया जाता है।

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