
मंगलवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल पूछते हुए इसे सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चूक करार दिया।
“हमले की जिम्मेदारी कौन लेगा?” – प्रियंका का सवाल
प्रियंका गांधी ने कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में इतिहास और आतंकवाद की बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ?” उन्होंने आरोप लगाया कि हमले की जिम्मेदारी तय नहीं की गई और सरकार केवल भाषणों और भावनाओं में उलझी हुई है।
शहीदों को किया नमन, पीड़ित परिवारों का जिक्र
प्रियंका गांधी ने शहीद शुभम द्विवेदी का नाम लेते हुए उनकी पत्नी की स्थिति का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि आम नागरिक सरकार के भरोसे यात्रा पर गए थे, लेकिन उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। उन्होंने सरकार से सीधा सवाल किया कि नागरिकों की सुरक्षा किसकी जिम्मेदारी है – रक्षा मंत्री की या गृह मंत्री की?
टीआरएफ का उल्लेख, खुफिया तंत्र पर सवाल
कांग्रेस नेता ने आतंकी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) की गतिविधियों और खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा एजेंसियों को पहले से भनक तक नहीं लगी, तो यह गंभीर खुफिया विफलता है।
“इतिहास छोड़िए, वर्तमान की बात कीजिए”
प्रियंका गांधी ने भाजपा के मंत्रियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, “आप इतिहास की बात करते रहिए, मैं वर्तमान की बात करूंगी। बीते 11 साल से आप सत्ता में हैं, और आज भी आतंकी हमले हो रहे हैं।” उन्होंने लोकसभा में यह भी आरोप लगाया कि जब विपक्षी नेता गौरव गोगोई ने हमले की जवाबदेही तय करने की बात की, तब रक्षा मंत्री गंभीर दिखे लेकिन गृह मंत्री अमित शाह हंस रहे थे।

26/11 का उदाहरण देकर घेरा सरकार को
प्रियंका ने 26/11 मुंबई हमले का ज़िक्र करते हुए कहा, “मनमोहन सरकार ने उस वक्त कार्रवाई की थी, आतंकियों को मार गिराया गया, एक को जिंदा पकड़ा गया और फांसी दी गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया। आज इस्तीफे की बात तो दूर, जवाबदेही भी नहीं ली जा रही।”
मणिपुर से दिल्ली और अब पहलगाम – सब कुछ अनदेखा?
प्रियंका ने मणिपुर हिंसा, दिल्ली दंगे, और अब पहलगाम हमले को गिनाते हुए पूछा कि गृह मंत्री अमित शाह आज भी पद पर क्यों बने हुए हैं। उन्होंने कहा, “देश जानना चाहता है कि जब इतने बड़े सुरक्षा संकट हो रहे हैं, तब भी जवाबदेही क्यों नहीं तय हो रही।”
“हम सरकार के साथ हैं, लेकिन सवाल भी पूछेंगे”
अपना भाषण खत्म करते हुए प्रियंका गांधी ने दो टूक कहा, “अगर देश पर हमला होगा, तो हम सरकार के साथ खड़े होंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम सवाल पूछना छोड़ देंगे। जवाबदेही तय करनी ही होगी।”
प्रियंका गांधी के इस भाषण के बाद लोकसभा में कुछ देर के लिए माहौल गरमा गया और सत्ता पक्ष के सांसदों ने उनका विरोध भी किया, लेकिन विपक्ष ने तालियों से उनका समर्थन किया।

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