
बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम होने जा रहा है, जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सुपौल में अपने भाई राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होंगी। यह यात्रा कांग्रेस और INDIA गठबंधन की ओर से मतदाता अधिकारों को लेकर चलाए जा रहे राज्यव्यापी अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कथित वोटर दमन के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है।
राहुल गांधी मंगलवार सुबह 8 बजे सुपौल शहर के हुसैन चौक से यात्रा की शुरुआत कर चुके हैं। उनका काफिला महावीर चौक, गांधी मैदान और लोहिया नगर चौक से होता हुआ डिग्री कॉलेज चौक तक पहुंचेगा। यात्रा के दौरान हजारों कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक और कांग्रेस समर्थक भारी संख्या में शामिल हो रहे हैं। खास बात यह है कि आस-पास के जिलों सहरसा और मधेपुरा से भी बड़ी संख्या में लोग यात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।
तेजस्वी यादव और मुकेश साहनी भी होंगे साथ
इस यात्रा को और भी राजनीतिक वजन उस वक्त मिला, जब बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश साहनी ने भी इसमें शामिल होने की घोषणा की। इन नेताओं की एकजुटता 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के खिलाफ एक समन्वित विपक्षी मोर्चे के निर्माण की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है।
प्रियंका की दो दिवसीय बिहार यात्रा
कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने पुष्टि की है कि प्रियंका गांधी 26 और 27 अगस्त को बिहार में रहेंगी। आज वह सुपौल में मुख्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी और कल सीतामढ़ी के जानकी मंदिर जाकर दर्शन करेंगी। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस बिहार में न सिर्फ राजनीतिक, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक आधारों पर भी जनसंपर्क बढ़ाने की रणनीति अपना रही है।
राहुल की यात्रा बनी केंद्रबिंदु
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ इस महीने की शुरुआत में शुरू हुई थी और अब तक बिहार के कई जिलों को कवर कर चुकी है। रविवार को यात्रा के सीमांचल चरण में राहुल गांधी ने 2 किलोमीटर तक रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल चलाकर युवाओं का ध्यान आकर्षित किया। उस दौरान बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम उनके साथ थे।
यात्रा के एक अन्य रोचक पड़ाव में राहुल गांधी ने पूर्णिया-अररिया मार्ग पर जलालगढ़ के पास एक ढाबे पर रुककर चाय पी और स्थानीय नागरिकों से बातचीत की। इस जनसंपर्क शैली के माध्यम से राहुल ने जनता से सीधा संवाद स्थापित किया, जो यात्रा की प्रमुख विशेषता बनकर उभरी है।
लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई
कांग्रेस और INDIA गठबंधन इस यात्रा को “चुनावी अधिकारों की रक्षा की लड़ाई” के तौर पर पेश कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियादी मूल्यों—स्वतंत्र मतदान, निष्पक्ष चुनाव और नागरिक अधिकारों—की रक्षा का आंदोलन है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार और एनडीए शासित राज्य मतदाताओं को डराने-धमकाने और उनके अधिकारों का हनन करने में लगे हैं।
प्रियंका गांधी का बिहार में सक्रिय रूप से शामिल होना कांग्रेस की चुनावी रणनीति में बड़ा संकेत है। सुपौल से शुरू हुई आज की उपस्थिति न केवल कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करेगी, बल्कि INDIA गठबंधन के साझा अभियान को भी नया उत्साह देगी। आने वाले महीनों में बिहार की सियासत में इस यात्रा के क्या असर होंगे, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन फिलहाल कांग्रेस और उसके सहयोगी दल एकजुटता का संदेश देने में सफल नजर आ रहे हैं।

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