
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंचे। वे यहां ‘संविधान बचाओ समावेश’ कार्यक्रम और पार्टी के अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों में हिस्सा लेने आए हैं। उनके इस दौरे को पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और एकजुटता के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
हवाई अड्डे पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे का ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास और कई वरिष्ठ नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता राहुल गांधी के समर्थन में नारे लगाते हुए एयरपोर्ट स्क्वायर से लेकर बारामुंडा मैदान तक जुटे रहे। गांधी और खरगे वहां से करीब सात किलोमीटर का सफर तय कर सभा स्थल पर पहुंचे।
सभा में भाजपा पर तीखा हमला, गरीबों और आदिवासियों के हक की बात
भुवनेश्वर के बारामुंडा मैदान में कांग्रेस की रैली में राहुल गांधी ने राज्य सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ओडिशा की भाजपा सरकार राज्य के संसाधनों को लूट रही है, ठीक वैसे ही जैसे पहले बीजू जनता दल (बीजद) के कार्यकाल में होता रहा है। उन्होंने कहा, “भाजपा केवल बड़े उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के साथ खड़ी है जबकि कांग्रेस गरीबों, आदिवासियों, दलितों और वंचित वर्ग के लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है।”

राहुल गांधी ने कहा कि जैसे महाराष्ट्र में सत्ता हथियाने के लिए भाजपा ने साजिश रची थी, वैसी ही कोशिश बिहार में भी की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि ‘इंडिया गठबंधन’ ने अपनी हालिया बैठक में यह निर्णय लिया है कि भाजपा को बिहार में लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।
बिना चुनाव के बड़ी जनसभा, कार्यकर्ताओं में भरा उत्साह
कांग्रेस की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा कि आमतौर पर राहुल गांधी चुनाव से ठीक पहले ओडिशा जैसे राज्यों में बड़े कार्यक्रमों को संबोधित करते हैं, लेकिन इस बार जब राज्य में निकट भविष्य में कोई बड़ा चुनाव नहीं है, फिर भी उन्होंने जनसभा की। इससे कार्यकर्ताओं को भरोसा मिला है कि पार्टी जमीनी स्तर पर संगठन को फिर से मजबूत करने के लिए गंभीर है।
सभा स्थल पर कांग्रेस के सभी विधायक, सांसद सप्तगिरि उलाका, पूर्व मुख्यमंत्री, पीसीसी अध्यक्ष, पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। मंच पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने एक साथ कार्यकर्ताओं को संबोधित कर पार्टी के भीतर एकजुटता का संदेश दिया।
यातायात परामर्श और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कांग्रेस की रैली को देखते हुए भुवनेश्वर पुलिस ने शहर में यातायात के लिए विशेष परामर्श जारी किया है। एयरपोर्ट स्क्वायर से जयदेव विहार स्क्वायर तक भारी भीड़ उमड़ने की संभावना के मद्देनजर वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए गए हैं। सभा के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा।

वाहनचालक संघ ने दिया समर्थन, हड़ताल में एक दिन की ढील
राहुल गांधी की रैली के चलते ओडिशा वाहनचालक महासंघ ने भी अपनी हड़ताल में एक दिन की ढील देने की घोषणा की है। संघ के अध्यक्ष प्रशांत मेंडुली ने कहा कि महासंघ के सदस्य रैली में भाग लेने के लिए जाने वाले किसी भी वाहन को नहीं रोकेंगे। ज्ञात हो कि राज्य में बसों, ट्रकों, टैक्सियों और ऑटो रिक्शा चालकों की हड़ताल के कारण जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर असर पड़ रहा था।
ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि चालकों की हड़ताल को लंबा खींचकर जनता को परेशान करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “यह हड़ताल राज्य सरकार की नाकामी का परिणाम है। अगर सरकार ने समय रहते संवाद किया होता तो यह नौबत नहीं आती।”
वहीं, राज्य के वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी मांगों पर पहले ही चर्चा हो चुकी है और हड़ताल का अब कोई औचित्य नहीं है। जेना ने कहा कि कांग्रेस की रैली के लिए हड़ताल को एक दिन के लिए रोकना इस बात का संकेत है कि इस आंदोलन में राजनीति हावी हो गई है।
आगे की रणनीति क्या होगी?
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के ओडिशा दौरे को कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी और मौका दोनों माना जा रहा है। निकट भविष्य में भले कोई बड़ा चुनाव न हो, लेकिन संगठन को जमीनी स्तर पर सक्रिय करना पार्टी की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। जानकारों का कहना है कि ऐसे कार्यक्रमों से कांग्रेस को कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने और भाजपा सरकार के खिलाफ मुद्दों को धार देने का मौका मिलेगा।
कुल मिलाकर, ओडिशा की राजनीति में यह रैली कांग्रेस के लिए अपनी मौजूदगी फिर से दर्ज कराने की एक बड़ी कोशिश मानी जा रही है।

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