
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के 12वें दिन सीतामढ़ी में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार में मतदाता सूची से कथित तौर पर नाम काटे जाने के मुद्दे पर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को घेरा। राहुल गांधी ने दावा किया कि यह ‘वोट चोरी’ का प्रयास है, लेकिन बिहार की जनता होशियार है और वह इसका करारा जवाब देगी।
‘वोट काटा जा रहा, उसके बाद राशन और जमीन छीनेंगे’
राहुल गांधी ने अपनी जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “अगर वोट का अधिकार समाप्त हो गया या वोट कट जाएगा तो गरीबों के पास कुछ नहीं बचेगा।” उन्होंने केंद्र सरकार पर सीधे तौर पर हमला करते हुए कहा कि यह सब एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि “अभी वोट काटा जा रहा है, उसके बाद राशन कार्ड समाप्त किया जाएगा और उसके बाद जमीन छीन ली जाएगी।”
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी इसी तरह से वोट चोरी कर सत्ता हासिल की गई थी। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में हमारे गठबंधन को अधिक सीटें आईं, लेकिन चार महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में हमारा गठबंधन दिखा तक नहीं।” उन्होंने आरोप लगाया कि वहां लाखों नाम जोड़कर वोट चोरी की गई थी।
दलितों, गरीबों और अल्पसंख्यकों के नाम काटे जाने का आरोप
राहुल गांधी ने दावा किया कि बिहार की मतदाता सूची से जो 65 लाख नाम काटे गए हैं, उनमें अधिकतर दलित, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक, गरीब और किसान शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन काटे गए नामों में एक भी अमीर व्यक्ति का नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि “ये गरीबों का अधिकार छीनना चाहते हैं।”
इस यात्रा के उद्देश्य को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से वे चुनाव आयोग को यह संदेश देना चाहते हैं कि “बिहार की जनता होशियार है।” उन्होंने कहा कि बिहार के लोग इन सब बातों को समझ रहे हैं और इसका करारा जवाब देंगे।
संविधान और ‘जन नायक’ का मुद्दा
राहुल गांधी ने अपने भाषण में संविधान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले दलितों को अछूत माना जाता था, लेकिन संविधान ने उन्हें अधिकार दिए हैं। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए भी लोगों से अपील की।
यह ध्यान देने वाली बात है कि यह यात्रा तब हो रही है जब जदयू और भाजपा जैसे दल राहुल गांधी को ‘जन नायक’ कहे जाने का विरोध कर रहे हैं। जदयू महासचिव मनीष वर्मा ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि बिहार में ‘जन नायक’ की उपाधि केवल कर्पूरी ठाकुर को दी गई है। इसके बावजूद, राहुल गांधी और महागठबंधन के नेता इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ और राजनीतिक विश्लेषण
राहुल गांधी की यह ‘वोटर अधिकार यात्रा’ सिर्फ वोट काटे जाने के मुद्दे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए विपक्ष का एक बड़ा चुनावी अभियान है। इस यात्रा के जरिए महागठबंधन जनता के बीच यह संदेश देना चाहता है कि केंद्र और राज्य की सरकारें लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। राहुल गांधी का ‘मंदिर दर्शन’ भी इसी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह अपनी छवि को एक ऐसे नेता के रूप में पेश कर रहे हैं जो धार्मिक रूप से भी लोगों से जुड़ा हुआ है।
यह 16 दिन की यात्रा है जो 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और 1 सितंबर को पटना में एक बड़ी रैली के साथ इसका समापन होगा। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने सीतामढ़ी में प्रसिद्ध जानकी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना भी की। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी यह यात्रा और आरोप बिहार के राजनीतिक समीकरणों को कितना प्रभावित कर पाते हैं।

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