
शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के मौके पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे 13 साल बाद ‘मातोश्री’ पहुंचे। यह मुलाकात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। दोनों भाइयों की यह मुलाकात न केवल पारिवारिक भावनाओं से जुड़ी रही, बल्कि सियासी अटकलों को भी हवा दे गई।
पारिवारिक मुलाकात को राजनीतिक रंग देना अनुचित – आनंद दुबे
इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, “एक भाई का जन्मदिन हो और दूसरा न आए, ऐसा कैसे हो सकता है? यह पूरी तरह पारिवारिक मुलाकात थी, इसके पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।” उन्होंने कहा कि “ठाकरे मतलब मुंबई और मुंबई मतलब ठाकरे।” यह एक ब्रांड है जो महाराष्ट्र की अस्मिता से जुड़ा है।
मराठी मानुष की एकता को लेकर भी बोले आनंद दुबे
आनंद दुबे ने कहा कि राजनीतिक मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन जब बात महाराष्ट्र की अस्मिता और मराठी मानुष की होती है, तो सब एक मंच पर आना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार गिरा दी गई, पार्टी और नाम तक चुरा लिया गया, लेकिन जनता का विश्वास कोई नहीं चुरा सकता।” उन्होंने दोहराया कि दोनों ही नेता बाला साहेब ठाकरे की छाया में पले-बढ़े हैं, इसलिए पारिवारिक आयोजनों में मिलना-जुलना स्वाभाविक है।

एनसीपी नेता के दामाद की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया
एनसीपी (सपा) नेता एकनाथ खडसे के दामाद की पुणे रेव पार्टी में गिरफ्तारी पर भी आनंद दुबे ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि “रेव पार्टी गलत है, मादक पदार्थों का सेवन कराना अपराध है। अगर किसी नेता का दामाद इसमें पकड़ा जाता है, तो यह उस नेता की गलती नहीं मानी जा सकती।” उन्होंने इस विषय पर राजनीति न करने की अपील की और कहा कि दोषी को कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए, चाहे उसका संबंध किसी भी जाति, धर्म या परिवार से हो।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भारतीय सेना को दी श्रद्धांजलि
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर हो रही राजनीति पर भी दुबे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह मामला अभी सीडीएस के अनुसार जारी है। जब तक ऑपरेशन पूरा नहीं हो जाता, तब तक इस पर राजनीति करना अनुचित है।” उन्होंने भारतीय सेना पर पूर्ण भरोसा जताते हुए कहा कि “पाकिस्तान को जवाब देने में हमारी सेना पूरी तरह सक्षम है और हमें उस पर पूरा भरोसा है।”
राज और उद्धव ठाकरे की मुलाकात को लेकर भले ही सियासी अटकलें लगाई जा रही हों, लेकिन शिवसेना-यूबीटी ने इसे पूरी तरह पारिवारिक मुलाकात बताया है। साथ ही आनंद दुबे ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कई संवेदनशील मुद्दों पर संतुलित और जिम्मेदार बयान देते हुए साफ कर दिया कि पार्टी जनता के विश्वास और देशहित को सर्वोपरि मानती है।

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