
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा शनिवार रात पनवेल के एक डांस बार में की गई तोड़फोड़ ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। यह घटना मनसे प्रमुख राज ठाकरे के हालिया बयान के कुछ ही घंटों बाद सामने आई, जिसमें उन्होंने रायगढ़ जिले में डांस बारों की बढ़ती संख्या पर तीखी टिप्पणी की थी।
शनिवार रात लगभग 12 बजे, लाठी-डंडों से लैस मनसे कार्यकर्ता पनवेल स्थित ‘नाइट राइडर’ बार में घुस गए और वहां तोड़फोड़ की। यह बार मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के करीब स्थित है और सूत्रों के अनुसार देर रात तक खुला रहता था। कार्यकर्ताओं ने बार की खिड़कियों, फर्नीचर और साउंड सिस्टम को नुकसान पहुंचाया।
राज ठाकरे के बयान से जुड़ा मामला
इस घटनाक्रम से कुछ ही घंटे पहले, राज ठाकरे रायगढ़ में आयोजित शेतकरी कामगार पार्टी के वार्षिकोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने भाषण में रायगढ़ जिले में डांस बारों के बढ़ते प्रसार पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “यह रायगढ़ है, छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी। और यहां सबसे ज्यादा डांस बार खुल गए हैं।” उन्होंने सवाल उठाया कि इन बारों के मालिक अमराठी हैं, जबकि मराठी लोग शोषित हो रहे हैं।
राज ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा, “जब तुम्हें लगे कि तुम्हारे कामों से महाराष्ट्र को नुकसान हो रहा है, तब जाग जाना। कान और आंखें मत बंद करो। जो कुछ हमारे आसपास हो रहा है, उस पर ध्यान दो, वरना पछताना पड़ेगा।”

घटना के पीछे राजनीतिक इशारा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज ठाकरे के बयान के तुरंत बाद पनवेल में हुई इस घटना ने मनसे की आक्रामक शैली को फिर एक बार उजागर कर दिया है। जहां एक ओर ठाकरे महाराष्ट्र के सांस्कृतिक गौरव की बात करते हैं, वहीं उनके समर्थकों की हिंसक प्रतिक्रिया राजनीतिक और प्रशासनिक चुनौती बन सकती है।
प्रशासन अलर्ट, जांच शुरू
घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बार के कर्मचारियों से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। पनवेल पुलिस के अनुसार, हमलावरों की पहचान की जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।
विपक्ष ने साधा निशाना
विपक्षी दलों ने मनसे की इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा है कि कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और राज्य सरकार को राज ठाकरे के बयानों से पैदा हो रहे तनाव को गंभीरता से लेना चाहिए।
राज ठाकरे के भावनात्मक और सांस्कृतिक अपील वाले भाषण का असर कुछ ही घंटों में दिखाई देने लगा, लेकिन उसके परिणामों ने राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। आने वाले दिनों में यह विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बहस को जन्म दे सकता है।

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