
संसद के मानसून सत्र में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान देते हुए भारतीय सेना की बहादुरी और पराक्रम की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत की सेनाओं ने एक ऐतिहासिक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और शक्ति को स्पष्ट कर दिया।
आतंकियों ने धर्म के आधार पर किया हमला
राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला अमानवीयता की चरम सीमा थी। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने लोगों की धार्मिक पहचान के आधार पर उन्हें निशाना बनाया, जो कि सभ्यता और मानवता दोनों का अपमान है। उन्होंने इस हमले को भारत की सांप्रदायिक सौहार्द पर सीधा हमला बताया।
प्रधानमंत्री ने दी थी सेनाओं को खुली छूट
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की और उन्हें निर्णायक कार्रवाई की पूरी छूट दी। इसके बाद भारतीय सेना ने सीमापार घुसकर आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया और उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया।

राजनाथ सिंह ने कहा, “सेना ने हमारे देश की माताओं और बहनों के सिंदूर का बदला लिया है। यह सिंदूर अब सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि शौर्य की गाथा बन चुका है।”
ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकी ढेर
रक्षा मंत्री ने बताया कि इस सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी और उनके हैंडलर मारे गए। हालांकि उन्होंने कहा कि यह संख्या अंतरिम है और वास्तविक आंकड़ा इससे अधिक हो सकता है। सरकार कोई गलत जानकारी नहीं देना चाहती, इसलिए आंकड़ों की पूरी सावधानी से पुष्टि की जा रही है।
रामायण की चौपाई से दिया जवाब
राजनाथ सिंह ने संसद में रामायण की प्रसिद्ध चौपाई “जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे…” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की यह कार्रवाई सिर्फ जवाबी थी, कोई आक्रामक पहल नहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य अड्डों को निशाना बनाकर हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने उसकी हर कोशिश को नाकाम कर दिया।
मिसाइल हमलों को भी भारत ने किया नाकाम
राजनाथ सिंह ने यह भी जानकारी दी कि पाकिस्तान की ओर से 7 से 10 मई के बीच मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों का प्रयोग किया गया। उनका लक्ष्य भारत के सैन्य ठिकाने थे, लेकिन भारत की एयर डिफेंस प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने हर हमले को विफल कर दिया। पाकिस्तान एक भी लक्ष्य को हिट नहीं कर सका।
निर्णायक और संतुलित कार्रवाई: राजनाथ
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की कार्रवाई न केवल साहसिक थी, बल्कि पूरी तरह से संतुलित और आत्मरक्षा के तहत थी। भारतीय सेना ने दुश्मन के हर मंसूबे को नाकाम किया और यह सुनिश्चित किया कि भारत की सीमाएं, नागरिक और सैनिक सुरक्षित रहें।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान ने साफ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रहा है। उनका भाषण न सिर्फ भारतीय सेना के शौर्य का बखान था, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कभी भी समझौता नहीं करेगा।

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