
मंगलवार को संसद के मानसून सत्र में उस समय जोरदार हंगामा हुआ, जब विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर तत्काल चर्चा की मांग की। कांग्रेस, राजद, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों के सांसदों ने नियम 267 के तहत नोटिस देकर इस विषय को उठाने की कोशिश की, लेकिन उपसभापति द्वारा नोटिस खारिज किए जाने के बाद सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया।
राज्यसभा में बार-बार स्थगित हुई कार्यवाही
राज्यसभा की कार्यवाही जैसे ही सुबह शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। महज 4 मिनट बाद ही सदन को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। दोबारा शुरू होने पर भी हंगामा थमा नहीं, जिसके चलते कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक और फिर अंततः पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा में भी दिखा असर
हंगामे का असर लोकसभा में भी देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के साथ-साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर भी चर्चा की मांग की। आसन द्वारा कोई स्पष्ट जवाब न मिलने पर लोकसभा की कार्यवाही भी बाधित हुई और अंततः उसे भी बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उपसभापति ने खारिज किए 12 नोटिस
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 12 विपक्षी सांसदों से नोटिस प्राप्त हुए थे, लेकिन पूर्व के निर्णयों का हवाला देते हुए उन्हें खारिज कर दिया गया। इनमें सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, रंजीत रंजन, नीरज डांगी, मनोज झा और रामजीलाल सुमन जैसे सांसद शामिल थे। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर भी संतोष कुमार पी. ने नोटिस दिया था, जिसे खारिज कर दिया गया।
विपक्ष का आरोप: लोकतंत्र को कुचला जा रहा है
विपक्ष का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण दरअसल जनसंख्या को प्रभावित करने की राजनीतिक चाल है। इसे लेकर राज्य में पहले से ही तनाव है और अब संसद में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है। विपक्ष का कहना है कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा से बच रही है।
धनखड़ के इस्तीफे पर भी गर्माया माहौल
सोमवार रात को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। इससे भी सदन में असमंजस की स्थिति रही। विपक्ष ने उनके इस्तीफे को गंभीर मुद्दा बताया और इस पर चर्चा की मांग की। अब राज्यसभा की कार्यवाही उपसभापति हरिवंश संभाल रहे हैं।
आगे क्या?
बिहार मतदाता सूची विवाद और धनखड़ के इस्तीफे जैसे बड़े मुद्दों पर संसद में असहमति और टकराव की स्थिति बनी हुई है। बुधवार को संसद की कार्यवाही फिर से शुरू होगी, लेकिन इस हंगामे से साफ है कि आने वाले दिन भी राजनीतिक रूप से तूफानी हो सकते हैं।

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