
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तरकाशी में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का मौके पर जाकर जायजा लिया। उन्होंने सुबह धराली में स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि हेली सेवा, एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद से युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, ताकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार से हर संभव मदद मिल रही है। अधिकारियों को सड़क, संचार और बिजली बहाली के साथ-साथ खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। धामी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकाला जाए और सामान्य जनजीवन बहाल हो।

गुरुवार को भी की थी आपदा प्रबंधन की समीक्षा
इससे एक दिन पहले गुरुवार को भी मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरकाशी के आपदा नियंत्रण कक्ष में राहत-बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की थी। इसके बाद उन्होंने पौड़ी गढ़वाल के पाबौ और थलीसैंण ब्लॉकों का दौरा किया था, जहां बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। यहां कई लोगों की जान गई, जबकि घर, सड़कें और पुल नष्ट हो गए थे।
धामी ने अधिकारियों को विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी स्तर पर अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता हो तो तुरंत राज्य सरकार को सूचित करें। उन्होंने कहा, “प्रभावित क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
धराली में अब भी लापता 59 लोग
धराली में 5 अगस्त को बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद हालात गंभीर बने हुए हैं। यहां लगभग 50 नागरिक, आठ जवान और एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) अब भी लापता हैं। बरतवारी, लिंचीगाड, गंगरानी, हर्षिल और धराली में सड़क संपर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे राहत पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं।

सेना और आईटीबीपी के जवान फंसे लोगों को भोजन, दवाइयां और आश्रय मुहैया करा रहे हैं। मौसम और भूगोल की चुनौतियों के बावजूद पुनर्स्थापना कार्य जारी है। सेना के अनुसार, वापसी उड़ानों में पर्यटकों को नेलोंग हेलीपैड से निकाला जा रहा है, जबकि हर्षिल का सैन्य हेलीपैड पूरी तरह सक्रिय है।

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