
मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी (MLSU) एक बार फिर परीक्षा में बड़ी गलती के कारण विवादों में घिर गई है। बीए चौथे सेमेस्टर के इतिहास के पेपर में ‘मराठा’ शब्द की जगह ‘पराठा’ छप गया, जिससे नाराज़ छात्रों ने सोमवार को यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार के सामने ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
छात्रनेताओं ने इसे इतिहास का मज़ाक बताया। छात्रनेता प्रवीण टांक ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब यूनिवर्सिटी ने ऐसी लापरवाही की है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बीसीए का पेपर सिलेबस से बाहर था, लेकिन उस गलती का कोई समाधान नहीं हुआ। छात्रनेता त्रिभुवन सिंह राठौड़ ने सवाल किया कि अगर छात्र गलती करते हैं तो उनके नंबर काटे जाते हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी की गलती पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती।

एबीवीपी के महानगर मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने मांग की कि इस गलती के कारण सभी छात्रों को औसत अंक देकर पास किया जाए।
छात्रों के बढ़ते विरोध को देखते हुए, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस गलती को स्वीकार किया है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. पीएस राजपूत ने अपनी गलती मानते हुए इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, रजिस्ट्रार वीसी गर्ग ने बताया कि इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस्तीफे की फाइल कुलपति (VC) को भेज दी गई है, और इस पर अंतिम फैसला कुलपति ही लेंगे। इस घटना ने यूनिवर्सिटी की परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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