
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को साकार करने के लिए एक सशक्त और स्थिर फाइनेंशियल सिस्टम की आवश्यकता है। यह बात देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने कैपिटल मार्केट लीडर्स को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने के लिए भारत को वित्तीय क्षेत्र में नवाचार, प्रतिभा और पूंजी बाजार की मजबूती की जरूरत है।
नवाचार और प्रतिभा विकास पर जोर
अपने संबोधन में शेट्टी ने कहा, “एसबीआई इस यात्रा में भागीदार बनने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हम न केवल बैंकिंग समाधान प्रदान करते हैं, बल्कि आपके साथ मिलकर भारत के कैपिटल मार्केट के भविष्य को आकार देने के लिए भी तैयार हैं।” उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि एक मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम के लिए कैपिटल मार्केट को सुदृढ़ करना, वित्तीय नवाचार को बढ़ावा देना और वित्तीय प्रतिभा को विकसित करना अत्यंत आवश्यक है।
एसबीआई की वित्तीय प्रगति: लाभ और परिचालन मुनाफे में वृद्धि
एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 19,160 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 17,035 करोड़ रुपए की तुलना में 12.5 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, बैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी सालाना आधार पर 15.49 प्रतिशत बढ़कर 30,544 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। यह आंकड़े न केवल बैंक की वित्तीय मजबूती को दर्शाते हैं, बल्कि देश की बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता और विकासशील क्षमता को भी उजागर करते हैं।
बाजार में तेजी: निवेशकों का बढ़ा विश्वास
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य 465 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, जो पिछले 11 महीनों का उच्चतम स्तर है। यह आंकड़ा 27 सितंबर 2024 को दर्ज किए गए उच्चतम स्तर से केवल 2.7 प्रतिशत कम है, जबकि सितंबर की शुरुआत से अब तक लगभग 20 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज की गई है। यह तेजी निवेशकों के बढ़ते विश्वास और बाजार की स्थिरता को दर्शाती है।

आरबीआई की संभावित दर कटौती से उत्साह
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अक्टूबर में ब्याज दरों में संभावित कटौती की अटकलों ने भी निवेशकों के मनोबल को बढ़ाया है। घरेलू मुद्रास्फीति में गिरावट के संकेतों के चलते यह उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई मौद्रिक नीति में नरमी ला सकता है, जिससे निवेश और उपभोग को प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकारी कंपनियों की भूमिका और सेक्टोरल ग्रोथ
हाल की बाजार तेजी में सरकारी कंपनियों ने अहम भूमिका निभाई है। बीएसई पीएसयू इंडेक्स में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि बीएसई 500 इंडेक्स में 5 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। इसके अलावा, बीएसई ऑटो इंडेक्स 9 प्रतिशत, बीएसई बैंकेक्स 6.8 प्रतिशत, बीएसई मेटल 8.1 प्रतिशत और ऑयल एंड गैस इंडेक्स 4.5 प्रतिशत बढ़ा है। यह सेक्टोरल ग्रोथ देश की औद्योगिक और आर्थिक मजबूती का संकेत है।
जीएसटी सुधारों से कॉर्पोरेट कमाई में संभावित उछाल
मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, जीएसटी सुधारों के चलते वित्त वर्ष 2027 में कॉर्पोरेट कमाई में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है। इससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख में सकारात्मक बदलाव आ सकता है, जो भारतीय बाजार में पूंजी प्रवाह को और बढ़ावा देगा।

वित्तीय क्षेत्र में समन्वित प्रयासों की आवश्यकता
एसबीआई चेयरमैन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत वैश्विक मंच पर अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में अग्रसर है। उनका यह दृष्टिकोण स्पष्ट करता है कि यदि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना है, तो वित्तीय क्षेत्र में समन्वित प्रयास, नवाचार, प्रतिभा विकास और पूंजी बाजार की मजबूती अनिवार्य होगी।
यह संदेश न केवल नीति निर्माताओं बल्कि निवेशकों और वित्तीय संस्थानों के लिए भी एक दिशा-निर्देश है कि वे भारत की आर्थिक यात्रा में सक्रिय भागीदारी निभाएं और देश को एक सशक्त वित्तीय भविष्य की ओर अग्रसर करें।

नेता और नेतागिरि से जुड़ी खबरों को लिखने का एक दशक से अधिक का अनुभव है। गांव-गिरांव की छोटी से छोटी खबर के साथ-साथ देश की बड़ी राजनीतिक खबर पर पैनी नजर रखने का शौक है। अखबार के बाद डिडिटल मीडिया का अनुभव और अधिक रास आ रहा है। यहां लोगों के दर्द के साथ अपने दिल की बात लिखने में मजा आता है। आपके हर सुझाव का हमेशा आकांक्षी…



