
उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने का चौंकाने वाला फैसला किया है। सुभासपा के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर अब बिहार में नीतीश कुमार (NDA) और भाजपा को सीधे टक्कर देंगे।
सुभासपा नेता और ओमप्रकाश राजभर के बड़े बेटे अरविंद राजभर ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुभासपा किसी समझौते या दावे के बजाय संगठन की ताकत पर भरोसा करती है और बिहार के 32 जिलों में मजबूत जनाधार के दम पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।
राजद और भाजपा का प्रस्ताव ठुकराया
अरविंद राजभर ने बताया कि सुभासपा को पहले राजद (राष्ट्रीय जनता दल) से पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला था, जिसे पार्टी ने ठुकरा दिया। इसके बाद, एनडीए गठबंधन के तहत भाजपा ने भी सुभासपा पर भरोसा नहीं दिखाया।

जेपी नड्डा से बातचीत से नहीं बनी बात
रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ओमप्रकाश राजभर से फोन पर बातचीत की थी और बिहार में पार्टी के प्रभाव का फीडबैक लिया था। राजभर ने नड्डा को बताया था कि पार्टी का 32 जिलों में प्रभाव है।
भाजपा का गठबंधन का इनकार
इसके बावजूद, भाजपा द्वारा जारी की गई प्रत्याशियों की सूची में सुभासपा के किसी भी प्रत्याशी का नाम शामिल नहीं किया गया। गठबंधन से निराशा हाथ लगने के बाद, सुभासपा ने अकेले चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। पार्टी ने सोमवार को बिहार की 35 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करने का ऐलान किया है। सुभासपा के इस कदम से बिहार के चुनावी समीकरण में ‘राजभर वोटबैंक’ को लेकर नया पेंच फंस गया है।

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