
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ‘सामना’ को दिए अपने विशेष इंटरव्यू में भाजपा और चुनाव आयोग पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ‘ठाकरे ब्रांड’ सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, मराठी अस्मिता और हिंदुत्व की पहचान है। उन्होंने कहा, “50 साल से यह ब्रांड जनता के बीच मजबूती से खड़ा है, और इसे मिटाने की कोशिश करने वाले खुद मिट जाते हैं।”
चुनाव आयोग को कहा ‘पत्थर’
ठाकरे ने चुनाव आयोग की तुलना एक ‘पत्थर’ से करते हुए कहा, “अगर मैं किसी को पत्थर कह दूं और उस पर सिंदूर लगा दूं, तो क्या वो शिवसेना बन जाएगा?” उन्होंने चुनाव चिह्न और पार्टी नाम को लेकर आयोग के फैसलों को अनुचित बताया और कहा कि सिर्फ वोट प्रतिशत के आधार पर पार्टी का नाम नहीं छीना जा सकता।
भाजपा की नीतियों पर निशाना
उद्धव ठाकरे ने भाजपा की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए कहा कि भाजपा देश को अशांत और अस्थिर बनाए रखने की रणनीति पर चल रही है। उन्होंने कहा कि “जनता को हर समय चिंता में डालना, डराना और गुमराह करना इनका तरीका बन चुका है।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि संघ प्रमुख ने भी प्रधानमंत्री मोदी की उम्र (75 वर्ष) पर टिप्पणी की है, जो अपने आप में संकेत है।
दल-बदलू नेताओं पर कटाक्ष
शिवसेना छोड़ने वाले नेताओं पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा कि “कभी-कभी जमे हुए पानी को बहने का रास्ता देना पड़ता है ताकि नई धारा प्रवाहित हो सके।” उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़ गए, वे खुद अपने स्वार्थ के कारण गए और अब उनकी जगह ईमानदार कार्यकर्ताओं ने ले ली है।
‘जातिगत राजनीति’ के खिलाफ आवाज
ठाकरे ने भाजपा पर जातिगत और साम्प्रदायिक विभाजन फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कभी हिंदू-मुस्लिम, कभी मराठी-बाहरी और अब मराठा-गैर मराठा, यही इनकी राजनीति है। बालासाहेब ठाकरे ने हमेशा एकजुट महाराष्ट्र की बात की थी, और आज वही एकता भाजपा को चुभ रही है।”
जन सुरक्षा विधेयक पर सवाल
उद्धव ठाकरे ने जन सुरक्षा बिल की उपयोगिता पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि “क्या इससे महिलाएं सुरक्षित होंगी? क्या लूट, हत्या और बलात्कार रुक जाएंगे?” उन्होंने बिल में ‘कट्टर वामपंथी विचारधारा’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई और पूछा कि क्या ‘कट्टर दक्षिणपंथी’ विचारधारा को ऐसे ही स्वीकार कर लिया जाएगा?
विचारधाराओं की तुलना
ठाकरे ने कहा कि वामपंथी विचारधारा में समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय की बात होती है, जबकि दक्षिणपंथी विचारधारा में धर्म और पूंजीवाद का महत्व है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमें किसी विचारधारा की अच्छी बातों को अपनाना चाहिए, न कि उन्हें राजनीतिक हथियार बनाकर समाज में भय पैदा करना चाहिए।
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ नहीं, ‘वन पार्टी-वन इलेक्शन’ का डर
उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार की ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ योजना को अधिनायकवाद की ओर बढ़ता कदम बताया। उन्होंने चेताया कि इसके बाद ‘वन नेशन-वन लैंग्वेज’ और अंततः ‘वन पार्टी’ का विचार थोपा जाएगा। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने देश में सिर्फ एक पार्टी की जरूरत बताई थी।
संदेश साफ: शिवसेना को खत्म नहीं किया जा सकता
इंटरव्यू के अंत में ठाकरे ने दो टूक कहा कि “शिवसेना को कोई खत्म नहीं कर सकता। जिन लोगों ने ऐसा करने की कोशिश की, वो खुद खत्म हो गए। ठाकरे ब्रांड लोगों के दिलों में है और रहेगा।” उनका यह बयान एक बार फिर से यह स्पष्ट करता है कि आने वाले चुनावों में वे पूरी ताकत के साथ मुकाबले के लिए तैयार हैं।
उद्धव ठाकरे का यह इंटरव्यू न केवल राजनीतिक विरोधियों पर सीधा हमला था, बल्कि उनके आत्मविश्वास, सिद्धांतों और जनता के साथ जुड़ाव को भी दर्शाता है। ‘ठाकरे ब्रांड’ एक नारा नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना का जीवंत प्रतीक बन चुका है।

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