
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ (एक देश-एक चुनाव) की अवधारणा का समर्थन किया है। गुरुवार को सतना में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की जोरदार वकालत की और इसे देश के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। चौहान ने कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव देश के विकास की गति को रोकते हैं।
चुनाव हैं विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा: शिवराज
मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “बार-बार होने वाले चुनाव देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लगातार चुनाव होने से आचार संहिता लागू होती है, जिससे विकास कार्य ठप हो जाते हैं। इसके अलावा, चुनावों में भारी मात्रा में धन खर्च होता है, जो कि अनावश्यक है। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण का भी जिक्र किया, जो चुनावी रैलियों और प्रचार के दौरान होता है।
चौहान ने कहा कि लगातार चुनाव के माहौल में सरकारें दूरगामी और कड़े फैसले नहीं ले पातीं, क्योंकि उनका ध्यान सिर्फ चुनाव जीतने पर होता है। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए कई बार ऐसी घोषणाएं की जाती हैं जो व्यावहारिक नहीं होतीं, और बाद में उन्हें लागू करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने संविधान में संशोधन करके लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की वकालत की, ताकि देश को इन समस्याओं से मुक्ति मिल सके।
कृषि और किसानों के हित सर्वोपरि
चौहान ने किसानों के हितों की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनके लिए देशहित सर्वोपरि है। उन्होंने कृषि उपकरणों पर जीएसटी कम करने के फैसले को “क्रांतिकारी” बताया और कहा कि इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने सतना में खाद की मांग बढ़ने की समस्या पर भी बात की। उन्होंने कहा कि इस बार अच्छी बारिश होने और धान की खेती बढ़ने के कारण यूरिया की जरूरत ज्यादा है। उन्होंने सतना के किसानों को भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने बताया कि सतना जिले में 1500 मीट्रिक टन खाद की रैक पहले ही पहुंच चुकी है और जरूरत के हिसाब से आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

कार्यकर्ताओं और अपनों से मुलाकात
अपने सतना दौरे के दौरान, शिवराज सिंह चौहान ने राजनीतिक चर्चाओं के अलावा व्यक्तिगत संवेदनाएं भी प्रकट कीं। उन्होंने कार्यकर्ताओं और साथियों के घर जाकर शोक जताया। उन्होंने बताया कि उनके साथ सुरक्षा में रहने वाले एक साथी के 15 साल के बेटे का निधन हो गया था, जिसके बाद वह उनसे मिलने आए।
उन्होंने कहा, “जो साथी और कार्यकर्ता बिछड़ गए हैं, वे परिवार के सदस्य ही थे, इसलिए उनसे मिलने आया हूं।” उन्होंने अपने एक मित्र के घर जाकर भी संवेदना प्रकट की, जिनका हाल ही में निधन हो गया था। यह व्यक्तिगत मुलाकातें दिखाती हैं कि चौहान अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से गहरा भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं, जो उनकी राजनीतिक शैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
कुल मिलाकर, केंद्रीय मंत्री का सतना दौरा राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों ही मायनों में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने ‘एक देश-एक चुनाव’ जैसे बड़े राष्ट्रीय मुद्दे पर अपनी राय रखी और साथ ही किसानों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया। उनके दौरे ने यह भी दिखाया कि वह अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ सीधे संपर्क में रहना पसंद करते हैं, जो उनकी लोकप्रियता का एक कारण भी है।

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