
यूएई में होने वाले एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच पहला मुकाबला 14 सितंबर को प्रस्तावित है। इस बहुप्रतीक्षित मैच को लेकर राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इस मैच का कड़ा विरोध करते हुए भारत सरकार से मैच रद्द करने की अपील की है।
जख्म अभी ताजे हैं
पूर्व सांसद डॉ. हसन ने हालिया पहलगाम आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि हमारे देश पर पाकिस्तान की सरजमीं से आतंकवाद जारी है और जब तक यह नहीं रुकता, तब तक किसी भी प्रकार के द्विपक्षीय क्रिकेट मुकाबले को समर्थन नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा, “हमारे जख्म अभी भरे नहीं हैं। आतंकवादी अभी तक पकड़े भी नहीं गए हैं।”
युद्ध और शहीदों की याद दिलाई
एसटी हसन ने भारत-पाकिस्तान के पुराने संघर्षों की याद दिलाते हुए कहा कि “हमने पाकिस्तान के साथ युद्ध भी लड़ा है, जिसमें हमने उसे घुटनों के बल ला दिया था।” उन्होंने कहा कि ऐसे देश के साथ क्रिकेट खेलना बेशर्मी की बात होगी और इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचेगा।
पहले भी कर चुके हैं विरोध
एसटी हसन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विरोध किया हो। उन्होंने कहा कि “मैं पहले भी भारत और पाकिस्तान के मैच का विरोध कर चुका हूं, और अब भी उसी रुख पर कायम हूं।”
“आतंक पर पाकिस्तान ले लिखित गारंटी”
पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान यह लिखित गारंटी दे कि उसके यहां से भारत पर भविष्य में कोई आतंकी हमला नहीं होगा, तो भारत-पाक मैच खेलने की संभावना पर विचार किया जा सकता है। लेकिन जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता, तब तक ऐसे किसी खेल आयोजन का कोई औचित्य नहीं है।
खुफिया एजेंसियों को दी कार्रवाई की सलाह
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान से दोबारा आतंकी घटनाएं होती हैं, तो भारत की खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान जाकर आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाना चाहिए। एसटी हसन ने यह भी कहा कि भारत को आत्म-सम्मान बनाए रखना चाहिए और यह संदेश देना चाहिए कि देश की सुरक्षा प्राथमिकता है।
भारत सरकार से अपील
एसटी हसन ने अंत में भारत सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि “अभी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का माहौल नहीं है। अगर यह मैच खेला जाता है, तो यह भारत के लिए अपमान की बात होगी और पूरी दुनिया में हमारी छवि कमजोर होगी।”
एसटी हसन की प्रतिक्रिया भारत-पाक रिश्तों के संवेदनशील पक्ष को उजागर करती है। यह स्पष्ट है कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद पर रोक नहीं लगती, तब तक क्रिकेट जैसे आयोजनों पर राजनीतिक और भावनात्मक विरोध जारी रहेगा।

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