
मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा संसद की कार्यवाही का प्रमुख हिस्सा बनी रही। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दूसरे दिन विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देना शुरू किया। अमित शाह ने मंगलवार को दोपहर 12 बजे के बाद सदन को संबोधित किया।
इससे पहले सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विषय पर 16 घंटे की लंबी चर्चा की शुरुआत की थी। यह ऑपरेशन सरकार की एक महत्त्वपूर्ण सुरक्षा पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसे लेकर संसद में गंभीर बहस हो रही है।
राज्यसभा में भी शुरू होगी चर्चा
राज्यसभा में भी मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा की शुरुआत होनी है। इस चर्चा की अगुवाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इस पर अपना पक्ष रखेंगे। वहीं विपक्ष की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चर्चा की शुरुआत करने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी भी आ सकते हैं सदन में
मंगलवार शाम लगभग 7 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी संसद के किसी एक सदन को संबोधित करने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री चर्चा के समापन या निष्कर्ष के दौरान अपने विचार रख सकते हैं। इससे पहले कई अहम मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री ने सदन में हस्तक्षेप कर चर्चा की दिशा को प्रभावित किया है।
विपक्ष का बिहार एसआईआर पर विरोध प्रदर्शन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की चर्चा के बीच बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार सुबह 10:30 बजे, विपक्षी सांसद मकर द्वार पर इकट्ठा हुए और एसआईआर में पारदर्शिता व सत्यापन प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में कई अनियमितताएं सामने आई हैं और सरकार इस पर पर्दा डाल रही है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने संसद के भीतर भी हंगामा किया, जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
सोमवार को भी हुआ था भारी हंगामा
इससे पहले सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे के कारण कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। विपक्ष ने बिहार एसआईआर के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को भी चर्चा में लाने की मांग की थी।
सरकार विपक्ष के सवालों का दे रही जवाब
गृह मंत्री अमित शाह का जवाब इस बात पर केंद्रित है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया एक निर्णायक कदम है। उनका कहना है कि यह ऑपरेशन देशहित में उठाया गया साहसिक निर्णय है और सरकार इसके हर पहलू पर पारदर्शी है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर संसद में चल रही बहस इस सप्ताह का सबसे प्रमुख सत्रीय मुद्दा बन गया है। जहां सरकार इसे देश की सुरक्षा से जुड़ा ऐतिहासिक कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसकी आड़ में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी और बिहार जैसे राज्यों में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के संभावित संबोधन से चर्चा को नई दिशा मिल सकती है।

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