
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर एक धमाकेदार पोस्ट से राजनीतिक हलचल मचा दी है। सोमवार देर रात उन्होंने एक वीडियो साझा करते हुए अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से सार्वजनिक तौर पर निशाना साधा। इस पोस्ट में उन्होंने तेजस्वी को ‘जयचंदों’ से सावधान रहने की नसीहत दी है, जिससे बिहार की राजनीति में एक नया भूचाल आ गया है।
तेजप्रताप यादव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “मुझे समझ नहीं आ रहा है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लोकतंत्र बचाने के लिए निकले हैं या फिर लोकतंत्र को तार-तार करने निकले हैं।” उनका यह बयान उस घटना के संदर्भ में था, जिसमें नबीनगर विधानसभा से विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के गाड़ी चालक और एक पत्रकार के साथ कथित तौर पर मारपीट और गाली-गलौज की गई। तेजप्रताप ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे “बेहद ही गलत और शर्मनाक” बताया।
अपने पोस्ट में तेजप्रताप ने तेजस्वी यादव को सीधे तौर पर चेतावनी दी। उन्होंने लिखा, “मैं तेजस्वी को कहना चाहता हूं, अभी भी समय है। अपने आस-पास के जयचंदों से सावधान हो जाओ, नहीं तो चुनाव में बहुत बुरा परिणाम देखने को मिलेगा।” उन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी कितने समझदार हैं, यह चुनाव परिणाम तय कर देगा। इस टिप्पणी को तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर एक सीधा सवाल माना जा रहा है। ‘जयचंद’ शब्द का इस्तेमाल करके उन्होंने तेजस्वी के करीबी सहयोगियों पर निशाना साधा है, जो उनके अनुसार, पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

यह पोस्ट ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की है। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करना है। राहुल गांधी ने सासाराम से इस यात्रा की शुरुआत की है और यह 1 सितंबर को पटना में एक बड़ी रैली के साथ समाप्त होगी। इंडिया ब्लॉक में शामिल सभी दल, जिनमें राजद भी शामिल है, इस यात्रा का समर्थन कर रहे हैं। तेजस्वी यादव और लेफ्ट पार्टियों के नेता भी राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में शामिल हैं।
तेजप्रताप यादव का यह बयान न केवल उनके और तेजस्वी के बीच के पुराने मतभेदों को एक बार फिर उजागर करता है, बल्कि महागठबंधन के भीतर भी दरार की अटकलों को हवा देता है। यह पहली बार नहीं है जब तेजप्रताप ने सार्वजनिक तौर पर अपने छोटे भाई के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उनके इस तरह के बयान अक्सर पार्टी और उनके परिवार के लिए असहज स्थिति पैदा करते रहे हैं। इस बार, उनके द्वारा लगाए गए आरोप काफी गंभीर हैं, क्योंकि उन्होंने न केवल तेजस्वी के नेतृत्व बल्कि उनके सहयोगियों पर भी सीधा हमला किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि तेजस्वी यादव और राजद इस मामले पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, क्योंकि यह सीधे तौर पर पार्टी की एकता और आने वाले चुनावों में उसकी रणनीति को प्रभावित कर सकता है।

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