
बिहार के पूर्व मंत्री और जनशक्ति जनता दल के संस्थापक तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को सार्वजनिक तौर पर नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें मर्यादा का पालन करना चाहिए। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दोनों भाइयों के बीच चल रहे राजनीतिक और पारिवारिक मतभेदों को एक बार फिर से सतह पर ला दिया।
तेज प्रताप यादव ने दो टूक शब्दों में कहा कि तेजस्वी को यह समझना चाहिए कि कौन ‘राम’ है और कौन ‘लक्ष्मण’ है। उनका इशारा स्पष्ट रूप से परिवार में पद और सम्मान की पारंपरिक भूमिकाओं की ओर था।
उन्होंने कहा, “वे छोटे भाई हैं, उन्हें समझना चाहिए कि कौन राम है और कौन लक्ष्मण है। उनको मर्यादा देखनी चाहिए। बड़े भाई का सम्मान करना चाहिए।” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि तेजस्वी जो कुछ भी कर रहे होंगे, वह अपनी बुद्धि और विवेक से कर रहे होंगे। तेज प्रताप का यह बयान लालू परिवार के भीतर आंतरिक संघर्ष और वर्चस्व की लड़ाई को दर्शाता है।
विजयादशमी पर जनता के बीच, ‘रावण’ को लेकर दार्शनिक विचार
तेज प्रताप यादव ने महुआ जाने से पहले पत्रकारों को बताया कि वह विजयादशमी के अवसर पर भी जनता के बीच हैं। उन्होंने कहा, “विजयादशमी में भी हम जनता के बीच हैं। अपना पूरा जीवन जनता के लिए न्योछावर कर दिया है।” इस दौरान, उन्होंने लोगों को विजयादशमी की शुभकामनाएं भी दी।
विजयादशमी के त्योहार पर उन्होंने एक आध्यात्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण पेश किया, जो सामाजिक बुराइयों पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि रावण कोई व्यक्ति नहीं होता, बल्कि रावण एक असुर होता है, जो लोगों के दिमाग में बसा रहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उस नकारात्मक सोच को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “उस सोच को लोग बदल देंगे तो रावण अपने आप खत्म हो जाएगा।”

आरएसएस और राहुल गांधी पर तीखी टिप्पणियाँ
तेज प्रताप यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूरे होने के संदर्भ में भी विवादित टिप्पणी की। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि आजादी में आरएसएस का कोई योगदान नहीं रहा है। उन्होंने महात्मा गांधी से जुड़े ऐतिहासिक घटनाक्रमों का हवाला देते हुए कहा, “महात्मा गांधी के साथ क्या हुआ, वह दुनिया जानती है। हम लोग महात्मा गांधी को मानने वाले लोग हैं।”
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरे पर पूछे गए सवाल पर तेज प्रताप यादव ने एक तटस्थ लेकिन व्यंग्यात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा, “अब वे विदेश गए हैं, वे जानेंगे। वे सोच रहे होंगे कि उनके घूमने से लोगों का भला होगा तो वे घूम रहे होंगे। वे अपना भला कर रहे होंगे।”
धर्मों के सम्मान पर जोर, देश की स्थिति पर चिंता
देश में हाल ही में उठे ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर बोलते हुए तेज प्रताप यादव ने सभी धर्मों के सम्मान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म का अपमान नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने अपनी बात को मजबूती से रखते हुए कहा, “हम तो सभी धर्म को मानते हैं तो हमें भी आकर गिरफ्तार कर ले। हम लोग सभी धर्म को लेकर चलते हैं।”
इसी क्रम में, उन्होंने देश की वर्तमान स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “देश-दुनिया किधर जा रही है? इस देश की स्थिति बदतर हो गई है। जनता सब देख रही है।”
तेज प्रताप यादव का यह बयान, जिसमें उन्होंने परिवार, राजनीति, धर्म और राष्ट्रीय मुद्दों को छुआ है, बिहार की राजनीति में उनके मुखर और अप्रत्याशित रुख को एक बार फिर स्थापित करता है, खासकर छोटे भाई तेजस्वी यादव को सार्वजनिक रूप से मर्यादा का पाठ पढ़ाना उनके बीच के तनाव को रेखांकित करता है।

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