
बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान मिल रहे व्यापक जनसमर्थन से उत्साहित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य की मौजूदा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब “खटारा सरकार” से मुक्ति चाहती है और आने वाले विधानसभा चुनाव में बदलाव लाकर रहेगी।
अपने बयानों में तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चाहे वह मुस्लिम समुदाय से कितनी भी मुलाकातें करें, जनता अब एनडीए की असलियत को अच्छी तरह समझ चुकी है। उन्होंने राज्य की बदहाली के लिए भाजपा-जदयू गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “आज बिहार में न तो कोई नया कारखाना लगा है, न कोई शुगर मिल और न ही कोई जूट मिल शुरू हुई है। जनता गरीबी, भ्रष्टाचार, बदहाल कानून-व्यवस्था और पलायन की समस्या से त्रस्त है।” उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत पर भी सवाल उठाए, जो राज्य के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
तेजस्वी यादव ने चुनावी प्रक्रिया में धांधली को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर मिलकर वोटर लिस्ट में हेरफेर और ‘वोट चोरी’ की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बिहार में सिर्फ वोट चोरी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की डकैती हो रही है। हम किसी भी कीमत पर लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने देंगे।” उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया आदेश का स्वागत किया, जिसमें 65 लाख हटाए गए नामों का बूथ-वार विवरण सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया है। तेजस्वी ने कहा कि यह आदेश चुनाव में पारदर्शिता लाएगा और भाजपा-चुनाव आयोग की संभावित साजिश को बेनकाब करेगा।
‘इंडिया’ ब्लॉक के ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं, जिसमें तेजस्वी यादव, सीपीआई (एमएल) और अन्य घटक दलों के नेता भी शामिल हैं। यह यात्रा 17 अगस्त, 2025 से शुरू हुई है, जिसका मुख्य उद्देश्य जनता को उनके मताधिकार के महत्व और कथित चुनावी धांधली से अवगत कराना है।
वहीं, तेजस्वी के आरोपों पर पलटवार करते हुए जदयू और भाजपा नेताओं ने इस यात्रा को राजनीतिक तमाशा और सरकार विरोधी हथकंडा बताया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इसे “लोकतंत्र का मज़ाक” करार दिया, जबकि केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
तेजस्वी यादव की यह रणनीति स्पष्ट है। वे ‘खटारा सरकार’ की आलोचना कर जनता को अपनी तरफ खींचना चाहते हैं और आने वाले चुनाव से पहले मताधिकार की रक्षा को अपने अभियान का केंद्रबिंदु बनाना चाहते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी यह यात्रा और आरोप आने वाले महीनों में बिहार की चुनावी राजनीति को किस दिशा में ले जाएंगे।

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