
हाल ही में कांग्रेस नेता उदित राज ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को ओबीसी समुदाय का “दूसरा अंबेडकर” बताया। यह बयान दिल्ली में आयोजित ‘भागीदारी न्याय सम्मेलन’ के बाद आया, जहां राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को “समाज का एक्स-रे” बताते हुए उसे पूरे देश में लागू करने की बात कही थी।
राजीव चंद्रशेखर की तीखी प्रतिक्रिया
इस पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि–“पहले राहुल गांधी अच्छे नागरिक बनें, लोगों की सेवा करें और उनके हितों को प्राथमिकता दें, फिर देश की जनता खुद तय करेगी कि उन्हें क्या बनाना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह अब इंदिरा गांधी का भारत नहीं है, जहां नेता अपने हिसाब से लोगों और विचारों को मोड़ते थे। अब लोकतंत्र में जनता तय करती है कि कौन कैसा नेता है।
लोकतंत्र में जनता ही निर्णायक: मंत्री का बयान
राजीव चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि–“अपने किसी नेता के लिए इस तरह की उपाधि दिलवाना या उनकी तुलना ऐतिहासिक व्यक्तित्वों से करना अब नहीं चलेगा। लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह अधिकार केवल जनता को है।”
उन्होंने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे अक्सर अपने नेताओं के पक्ष में बेबुनियाद और प्रचारात्मक बयान दिलवाते हैं, जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचती है।
प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक लोकप्रियता का ज़िक्र
मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक पहचान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज मोदी जी को दुनिया भर में गंभीरता से सुना जाता है। जब वे कहते हैं कि यह युद्ध का समय नहीं है, तो पूरी दुनिया उनकी बातों को ध्यान से सुनती है। उन्होंने आगे कहा कि बीते 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बनकर उभरे हैं।
कारगिल विजय दिवस पर श्रद्धांजलि
राजीव चंद्रशेखर ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीद सैनिकों को नमन किया। उन्होंने कहा कि आज से 26 साल पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को पीछे धकेल कर कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहराया था। यह दिन हमें सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है। उन्होंने यह भी बताया कि हर वर्ष वे नेशनल वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और यह कर्तव्य हर भारतीय का होना चाहिए।
कांग्रेस नेता द्वारा राहुल गांधी की तुलना डॉ. भीमराव अंबेडकर से करने के बाद सियासी हलकों में हलचल मच गई है। भाजपा इसे प्रचार का हिस्सा बता रही है, वहीं राहुल गांधी जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों को लेकर जनता से सीधा संवाद साधने की कोशिश में हैं। ऐसे में यह साफ है कि आगामी चुनावों से पहले नेता और दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज़ होने वाला है।

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