
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2026 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हाल ही में नगरीय निकायों के सीमा विस्तार और नए शहरी निकायों के गठन के कारण अब जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत सदस्य के वार्डों की संख्या में भारी कमी आने का अनुमान है। पंचायती राज विभाग ने इन सभी वार्डों के परिसीमन का काम पूरा कर लिया है, जिसके बाद प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक 6,000 से अधिक वार्ड कम होने की संभावना है।
वार्डों की संख्या में भारी कमी
पंचायती राज निदेशक अमित कुमार सिंह ने गुरुवार को बताया कि जिलों से मिली प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार, जिला पंचायत सदस्य के करीब 40 वार्ड, क्षेत्र पंचायत सदस्य के करीब 1,500 वार्ड और ग्राम पंचायत सदस्य के करीब 4,600 वार्ड कम होने का अनुमान है। यह कमी मुख्य रूप से उन ग्राम पंचायतों के शहरी निकायों में विलय होने के कारण हुई है, जहां हाल के वर्षों में सीमा विस्तार किया गया है। निदेशक ने कहा कि सभी जिलों से अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही कुल कम हुए वार्डों की सही संख्या का पता चल पाएगा।
अगला कदम: आरक्षण की प्रक्रिया
परिसीमन के बाद अब अगला महत्वपूर्ण चरण पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करना है। इसके लिए, विभाग ने शासन को समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। इस आयोग का गठन होने के बाद ही आरक्षण संबंधी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) के आंशिक रूप से प्रभावित वार्डों के परिसीमन की कार्यवाही पूरी हो गई है। प्रभावित वार्डों के गठन की कार्यवाही भी आपत्तियों के निस्तारण के बाद की जा रही है।
निर्वाचन और पुनर्गठन की स्थिति
पंचायती राज विभाग ने वर्ष 2026 में होने वाले चुनावों की तैयारी पूरी कर ली है। वर्तमान में निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल 26 मई 2026 को ग्राम पंचायत प्रधान, 19 जुलाई 2026 को क्षेत्र पंचायत प्रमुख और 11 जुलाई 2026 को जिला पंचायत अध्यक्षों का समाप्त हो रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि नगरीय निकायों के सृजन और सीमा विस्तार के कारण प्रभावित ग्राम पंचायतों के आंशिक पुनर्गठन के तहत 37 जिलों में कार्यवाही पूरी की गई है। राज्य में कुल 58,195 ग्राम पंचायतों में से 512 ग्राम पंचायतें नगर निकायों के सीमा विस्तार से प्रभावित हुई हैं। इसके बाद, दो नई ग्राम पंचायतों के सृजित होने से वर्तमान में प्रदेश में 57,694 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में हैं। विभाग ने नगर विकास विभाग से 20 मई को ही नए शहरी निकायों के सृजन और सीमा विस्तार पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, ताकि निर्वाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।

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