
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को मिलर हाईस्कूल मैदान में आयोजित संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली को संबोधित करते हुए एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि 2026 में राष्ट्रीय जनगणना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लोकसभा सीटों का परिसीमन जरूर कराएगी, जिससे बिहार में लगभग 20 लोकसभा सीटें बढ़ सकती हैं। कुशवाहा ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 50 सालों से लोकसभा सीटों का परिसीमन न होने के कारण बिहार सहित उत्तर भारत के राज्यों को भारी नुकसान हो रहा है।
उत्तर और दक्षिण भारत के राज्यों में असमानता
उपेंद्र कुशवाहा ने परिसीमन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दक्षिण भारत के राज्यों में लगभग 21 लाख की आबादी पर एक लोकसभा सीट है, जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह आंकड़ा 31 लाख की आबादी पर एक सीट का है। इस असमानता के कारण उत्तर भारत के राज्यों की जनसंख्या का लोकसभा में उचित प्रतिनिधित्व नहीं हो पाता है, जिससे उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे और 2026 की जनगणना के बाद इस विसंगति को दूर करने के लिए परिसीमन कराएंगे।
बिहार में एनडीए की सरकार वापसी का दावा
राजनीतिक परिदृश्य पर बात करते हुए, उपेंद्र कुशवाहा ने दृढ़ता से कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी। उन्होंने विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए कहा, “विपक्षी दल जितना भी जोर लगा लें, यहां दाल नहीं गलने वाली है।” कुशवाहा ने विपक्षी दलों द्वारा निकाली गई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को भी निरर्थक बताते हुए कहा कि इसका कोई फायदा उन्हें नहीं मिलने वाला है, क्योंकि बिहार के लोग एनडीए के साथ हैं।
रालोमो एनडीए का मजबूत भागीदार, शिक्षा में सुधार
कुशवाहा ने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा एनडीए का एक मजबूत और विश्वसनीय भागीदार है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनकी बातों को राज्य सरकार पूरा कर रही है। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली बार ‘सेल्फ गोल’ के कारण ही एनडीए को कुछ सीटों का नुकसान हुआ था। आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए को पूरी तरह एकजुट रहने और ऐसी गलतियों से बचने की सलाह दी।

तेजस्वी यादव पर तंज: ‘गंगा किनारे नाचने से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनता’
राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर भी तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, “गंगा किनारे नाचने से कोई मुख्यमंत्री नहीं बन जाता है।” कुशवाहा ने तेजस्वी यादव को सलाह दी कि वे अपनी छवि बचा कर रखें। यह बयान बिहार की राजनीति में चल रहे सत्ता संघर्ष और विभिन्न नेताओं के बीच जुबानी जंग को दर्शाता है।
महारैली की अध्यक्षता पार्टी के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी ने की। मंच संचालन आलोक कुमार, प्रशांत पंकज और कपिल कुमार ने संयुक्त रूप से किया। स्वागत भाषण रामेश्वर महतो ने दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रधान महासचिव श्री माधव आनंद, रणविजय सिंह, जीतेन्द्र नाथ पटेल, फजल इमाम मल्लिक, रेखा गुप्ता, आरके सिन्हा, स्मृति कुमुद, सुभाष चंद्रवंशी सहित कई अन्य प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सभा को संबोधित किया। रामपुकार सिन्हा और नितिन भारती जैसे नेता भी इस मौके पर मौजूद रहे।
उपेंद्र कुशवाहा की यह महारैली न केवल परिसीमन जैसे गंभीर संवैधानिक मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए थी, बल्कि यह बिहार की राजनीतिक दिशा और एनडीए की भविष्य की रणनीति को भी स्पष्ट करती है।

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