
उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गहरा दुख व्यक्त किया है और इसे ‘भयावह’ घटना बताया है। उत्तरकाशी जिले में पिछले 10 दिनों से लापता चल रहे 36 वर्षीय राजीव प्रताप का शव 28 सितंबर को जोशियाड़ा बैराज की झील में मिला है, जिससे उत्तराखंड के पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
राजीव प्रताप देहरादून के दीपनगर अजबपुर कलां के निवासी थे और उनकी गुमशुदगी 19 सितंबर को कोतवाली उत्तरकाशी में दर्ज की गई थी। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम उनकी सकुशल बरामदगी के लिए लगातार तलाश अभियान चला रही थी। उनके शव के मिलने के बाद अब इस पूरे घटनाक्रम की गहन और पारदर्शी जांच की मांग जोर पकड़ रही है।

राहुल गांधी ने घटना को बताया ‘षड्यंत्र’
पत्रकार राजीव प्रताप की मौत की खबर मिलते ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ दुखद नहीं, भयावह है। उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और मुश्किल वक्त में उनके साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया।
राहुल गांधी ने इस घटना के माध्यम से सत्ता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि “बीजेपी राज में आज ईमानदार पत्रकारिता भय और असुरक्षा के साए में जी रही है।” उन्होंने कहा कि जो पत्रकार सच लिखते हैं और सत्ता से सवाल पूछते हैं, उन्हें धमकियों और हिंसा से चुप कराने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस नेता ने साफ तौर पर कहा कि राजीव जी के साथ हुआ पूरा घटनाक्रम ऐसे ही किसी षड्यंत्र की ओर इशारा करता है। उन्होंने अविलंब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग करते हुए पीड़ित परिवार को बिना देरी न्याय देने की बात कही है।

गुमशुदगी और दुर्घटना की टाइमलाइन
पुलिस ने गुमशुदा राजीव प्रताप की तलाश के लिए उत्तरकाशी शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की गहनता से जाँच की थी। फुटेज के अनुसार, राजीव प्रताप को 18 सितंबर की रात को आखिरी बार देखा गया था। वह रात 11:20 बजे बस अड्डा उत्तरकाशी और 11:38 बजे गंगोरी पुल क्रास करते हुए दिखाई दिए थे। उनकी गाड़ी रात 11:39 बजे गंगोरी पुल को पार करती दिखी, लेकिन गंगोरी से आगे लगे पेट्रोल पंप के कैमरे देखने पर गाड़ी मनेरी की तरफ जाती हुई नहीं मिली।
जाँच के दौरान, 19 सितंबर को गंगोरी के निकट स्यूणा गांव के पास भागीरथी नदी में एक कार दुर्घटनाग्रस्त स्थिति में पाई गई। वाहन गंगोत्री हाईवे से लगभग 50-55 मीटर नीचे भागीरथी नदी में गिरा हुआ था। दुर्घटनास्थल के पास से पहाड़ी पर कार मालिक का बैग और गाड़ी के टूटे शीशे भी मिले थे। बाद में, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने नदी में बहकर दुर्घटनाग्रस्त स्थल से करीब 300 मीटर आगे मिली गाड़ी को चेक किया। यह पुष्टि हुई कि यह वही गाड़ी थी जिसे राजीव प्रताप चला रहे थे। इस कार दुर्घटना के करीब 9 दिन बाद उनका शव बैराज की झील में मिला, जिसने कई अनुत्तरित सवाल छोड़ दिए हैं।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



