
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान सोमवार सुबह 8 बजे से शुरू हो गया, जो शाम 5 बजे तक चलेगा। यह मतदान राज्य के 12 जिलों के 40 विकासखंडों में हो रहा है। हरिद्वार जिला इस चरण के मतदान में शामिल नहीं है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चरण में 21 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 14,761 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे।
प्रत्याशियों का आंकड़ा और सुरक्षा व्यवस्था
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, विभिन्न पदों के लिए मैदान में उतरे प्रत्याशियों की संख्या इस प्रकार है:—
- ग्राम पंचायत सदस्य: 933 पदों के लिए 1,998 प्रत्याशी
- ग्राम प्रधान: 2,726 पदों के लिए 7,833 प्रत्याशी
- क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी): 1,225 पदों के लिए 4,214 प्रत्याशी
- जिला पंचायत सदस्य: 149 पदों के लिए 716 प्रत्याशी

मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो, इसके लिए संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों पर पुलिस, पीएसी, वीडियोग्राफी और निगरानी की विशेष व्यवस्था की गई है।
रामनगर में खासा उत्साह, महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
नैनीताल जिले के रामनगर विकासखंड में 76,848 पंजीकृत मतदाता 134 मतदान केंद्रों पर वोट डाल रहे हैं। इनमें 20 केंद्र संवेदनशील और 25 अति संवेदनशील घोषित किए गए हैं। रामनगर में 50 ग्राम प्रधान, 31 बीडीसी, 3 जिला पंचायत सदस्य और वार्ड सदस्यों के लिए मतदान हो रहा है।
महिलाओं की भागीदारी खास तौर पर उल्लेखनीय रही। ग्रामीणों का उत्साह इस बात से जाहिर होता है कि सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखने को मिलीं। आपदा प्रभावित चुकुम जैसे दुर्गम क्षेत्रों में विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जहां पोलिंग पार्टियां पहले ही भेज दी गई थीं।

चम्पावत और बाराकोट में मतदान शांतिपूर्ण
चम्पावत जिले के चम्पावत और बाराकोट विकासखंडों में भी सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हुआ। बाराकोट में 53 मतदान केंद्रों पर 51 पोलिंग पार्टियों और चम्पावत में 159 केंद्रों पर 148 पोलिंग पार्टियों ने मतदान शुरू कराया। पूर्णागिरि माध्यमिक विद्यालय, बनबसा में सुबह से ही मतदाताओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
मौसम भी अनुकूल रहा—हल्के बादलों और ठंडी हवाओं ने गर्मी से राहत दी, जिससे मतदाता बिना परेशानी के अपने घरों से निकल पाए।
पौड़ी के रखूण गांव में बूंदाबांदी के बीच दिखा जोश
पौड़ी जिले के कोट विकासखंड के रखूण गांव में भी बूंदाबांदी के बावजूद ग्रामीणों का उत्साह कम नहीं हुआ। महिलाओं की उपस्थिति विशेष रूप से प्रेरणादायक रही। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और मतदान सुविधाओं का पूरा इंतजाम किया था, जिससे प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण रही।

मतदाताओं की उम्मीदें और अपील
मतदाता डॉ. नाजिया ने कहा, “यह गांव की सरकार है। हम चाहते हैं कि विकास हो और लोगों की मूलभूत जरूरतें पूरी हों। मैंने वोट डाला है और सभी से मतदान की अपील करती हूं।”
वहीं, मतदाता श्याम बिष्ट ने कहा, “ऐसे नेताओं को चुनना चाहिए जो सच में गांव की समस्याएं समझते हों और समाधान कर सकें।”
जिला प्रशासन ने मतदाताओं से शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान की अपील की है। यह चुनाव ग्राम विकास, सड़क, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। मतगणना 31 जुलाई से शुरू होगी, जिसके बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव न सिर्फ पंचायत प्रतिनिधियों का चयन करेगा, बल्कि ग्रामीण उत्तराखंड के विकास की दिशा भी तय करेगा।

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