
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर दिल्ली की छात्र राजनीति में गरमाहट ला दी है। शुक्रवार को घोषित हुए परिणामों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर जीत दर्ज की, जबकि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) को सिर्फ उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा। इस हार के बाद एनएसयूआई ने एबीवीपी पर धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
एनएसयूआई: यह चुनाव एबीवीपी बनाम सरकार था
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया से बातचीत की। उन्होंने एबीवीपी पर सीधे तौर पर ईवीएम में हेराफेरी करके चुनाव जीतने का आरोप लगाया। चौधरी ने कहा, “हमारी हार तीन सीटों पर हुई, लेकिन मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के उन हजारों छात्रों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने एनएसयूआई को वोट दिया।” उन्होंने उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने वाले राहुल झांसला को भी बधाई दी।
वरुण चौधरी ने इस चुनाव को निष्पक्ष मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “इस बार का चुनाव एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच नहीं था, बल्कि एनएसयूआई का यह चुनाव डीयू प्रशासन, दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, रेखा गुप्ता और केंद्र सरकार के साथ था।” उन्होंने किरोड़ीमल कॉलेज, हिंदू कॉलेज और हंसराज कॉलेज में जानबूझकर ईवीएम पर स्याही लगाने जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये सब कुछ शिक्षकों की मौजूदगी में हुआ। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, “जैसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा वोट चोरी करती है, आज पार्टी इस स्तर पर गिर गई है कि ऐसा काम छात्रसंघ चुनाव में भी कर रही है।”
उम्मीदवार चयन पर उठे सवाल और ‘स्लीपर सेल’ का आरोप
जब वरुण चौधरी से यह सवाल पूछा गया कि क्या गलत प्रत्याशियों का चयन हार का कारण था, तो उन्होंने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “किसी भी राजनीतिक दल को चार सीटें दी जाती हैं और इस निर्णय को लेने में तमाम लोग जुड़े होते हैं।” इस दौरान उन्होंने आरएसएस और एबीवीपी पर निशाना साधते हुए कुछ लोगों को ‘आरएसएस का मुखौटा पहनकर बाजार में घूमने वाला’ बताया। उन्होंने कहा कि ये लोग पहले भी कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाते रहे हैं, और अब एनएसयूआई की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

चौधरी ने आरोप लगाया कि “आरएसएस का मुखौटा पहनकर कुछ स्लीपर सेल जानबूझकर एनएसयूआई और कांग्रेस पार्टी की छवि को खराब करना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यही वे लोग हैं, जो एबीवीपी के साथ मिलकर एनएसयूआई की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं।
डूसू चुनाव के नतीजे
इस बार के डूसू चुनाव में एबीवीपी के आर्यन मान ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। इसके अलावा, कुणाल चौधरी सचिव और दीपिका झा संयुक्त सचिव चुनी गईं। वहीं, एनएसयूआई के खाते में सिर्फ उपाध्यक्ष पद आया, जिस पर राहुल झांसला ने जीत दर्ज की।
यह हार-जीत का सिलसिला हर छात्रसंघ चुनाव में चलता रहता है, लेकिन इस बार एनएसयूआई के धांधली के आरोपों ने चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। देखना होगा कि एनएसयूआई अपने आरोपों को लेकर आगे कोई कदम उठाती है या नहीं। वहीं, एबीवीपी अपनी जीत को ‘राष्ट्र प्रथम’ की विचारधारा की जीत बता रही है।

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