
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां अब अंतिम दौर में पहुंच चुकी हैं। देहरादून समेत पूरे राज्य में गांवों से लेकर कस्बों तक राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। प्रदेश सरकार ने मतदान प्रक्रिया को सुचारु और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए दो चरणों में मतदान की तिथि तय की है। इसके साथ ही दोनों दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है, ताकि हर मतदाता बिना किसी बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
24 जुलाई को पहले चरण का मतदान
सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान 24 जुलाई को होगा। इस दिन मतदान से संबंधित विकास खंड क्षेत्रों में सभी शासकीय और अशासकीय कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों, अर्द्ध सरकारी निकायों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों, कारीगरों और मजदूरों के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। सरकार का उद्देश्य यह है कि हर मतदाता को मतदान केंद्र तक जाने में कोई परेशानी न हो और लोकतांत्रिक अधिकारों का पूरी तरह से उपयोग हो सके।
दूसरे चरण में 28 जुलाई को वोटिंग
प्रदेश में पंचायत चुनावों का दूसरा चरण 28 जुलाई को संपन्न होगा। इस दिन भी संबंधित विकास खंड क्षेत्रों में सरकारी व गैर-सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहेगा। खास बात यह है कि इन दोनों दिनों कोषागार और उपकोषागार भी बंद रहेंगे। इससे साफ है कि सरकार ने हर स्तर पर यह सुनिश्चित किया है कि मतदान के दौरान सरकारी कामकाज या किसी अन्य कारण से लोगों को परेशानी न हो।
मतदाताओं से बड़ी जिम्मेदारी की उम्मीद
उत्तराखंड में पंचायत चुनावों को हमेशा से गांवों के विकास की रीढ़ माना जाता है। गांवों में सड़कों, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए चुने गए जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम होती है। ऐसे में यह चुनाव केवल पंचायत प्रतिनिधियों का चयन नहीं, बल्कि गांव की दिशा तय करने वाला निर्णय भी होता है।
राज्य सरकार की ओर से मतदाताओं से अपील की जा रही है कि वे लोकतंत्र के इस पर्व में सक्रिय भागीदारी निभाएं और अपने क्षेत्र के विकास के लिए ईमानदार और कर्मठ प्रतिनिधियों को चुनें।
चुनाव आयोग और प्रशासन तैयार
चुनाव आयोग और प्रशासन ने भी निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। गांवों से लेकर जिला स्तर तक निगरानी दल सक्रिय हैं और आदर्श आचार संहिता का पालन सख्ती से कराया जा रहा है। उम्मीद है कि 24 और 28 जुलाई को प्रदेश के लाखों मतदाता मतदान केंद्र पहुंचकर अपने अधिकार का प्रयोग कर गांवों के भविष्य को मजबूत करेंगे।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



