
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में हुए उपद्रव और हिंसा को लेकर तीखा बयान देते हुए साफ कर दिया है कि राज्य में अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ‘आई लव मोहम्मद’ प्रकरण के बाद शुक्रवार को बरेली में हुई हिंसा के सूत्रधार मौलाना तौकीर रजा खां को सीधे निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “एक मौलाना भूल गया था कि यूपी में सरकार किसकी है। वह जाम लगाने की धमकी दे रहा था, लेकिन हमने साफ कर दिया—न जाम लगेगा, न कर्फ्यू। ऐसा सबक सिखाएंगे कि उसकी आने वाली पीढ़ियां भी दंगा करना भूल जाएंगी।”
मुख्यमंत्री शनिवार को लखनऊ में एक मीडिया समूह के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने भाषण में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की सख्ती और अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की प्रतिबद्धता को दोहराया।
श्रावस्ती में भी दोहराया सख्ती का संदेश
मुख्यमंत्री ने श्रावस्ती में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में भी स्पष्ट किया कि आस्था प्रदर्शन का विषय नहीं है, बल्कि यह अंतःकरण का विषय है। उन्होंने कहा, “आस्था के नाम पर तोड़फोड़, हमला या आगजनी किसी ने की तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।” उन्होंने इस्लामिक दर्शन का हवाला देते हुए कहा कि “इस्लाम में बुतपरस्ती का विरोध किया जाता है, यह उनकी फिलॉसफी है। हम मूर्ति पूजक हैं, साकार और निराकार ब्रह्म की पूजा करते हैं।”
योगी ने शारदीय नवरात्र के दौरान उपद्रव फैलाने वालों को “चंड-मुंड” की संज्ञा दी और कहा कि “माता ऐसे चंड-मुंड को रौंदने का ही कार्य करती हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धर्म स्थलों पर माइक बंद रखने का आदेश प्रदेश में यथावत रहेगा।
‘आई लव मोहम्मद’ की आड़ में अराजकता का आरोप
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काकर अराजकता फैलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “जब भी कोई हिंदू पर्व आता है, कुछ लोगों को गर्मी लगने लगती है। ऐसे लोगों के लिए हमें डेंटिंग-पेंटिंग का सहारा लेना पड़ता है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अराजकता फैलाने वाले “न छूटेंगे और न ही छूट पाएंगे।”

योगी ने तालिबानी और दारुल इस्लाम की व्यवस्था में विश्वास रखने वालों को भी आड़े हाथों लिया और कहा, “ऐसे लोगों की मंशा जन्नत में भी पूरी नहीं होगी, उन्हें जहन्नुम जाना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सपा, बसपा और कांग्रेस सरकारें ऐसे तत्वों को संरक्षण देती थीं, लेकिन अब यह नहीं चलेगा।
2017 के बाद दंगाइयों को दी गई सजा
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2017 के बाद उनकी सरकार ने दंगाइयों को चुन-चुनकर सजा दी। उन्होंने कहा, “हमने उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया, जो वे समझते थे।” योगी ने दावा किया कि इस सख्ती ने उत्तर प्रदेश में शांति और सुरक्षा का नया युग स्थापित किया है, जिससे राज्य की ग्रोथ स्टोरी की शुरुआत हुई।
सपा सरकार पर तीखा हमला
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “पहले चाचा-भतीजा वसूली के धंधे में लिप्त थे। सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग माफिया के कुत्ते से हाथ मिलाकर गौरवान्वित महसूस करते थे।” उन्होंने आरोप लगाया कि दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था।
योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने माफिया राज को जड़ से उखाड़ फेंका है और प्रदेश को विकास की राह पर ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा, “हमने बुलडोजर को प्रतीक बनाया है—अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का। यह बुलडोजर अब रुकने वाला नहीं है।”
अराजकता फैलाने वालों को चेतावनी
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नागरिकों पर हमला करने वालों, बेटियों को परेशान करने वालों, व्यापारियों और पुलिस पर हमला करने वालों को उनकी सरकार बख्शेगी नहीं। उन्होंने कहा, “दुस्साहस करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी कि वह नजीर बन जाएगी।”
योगी आदित्यनाथ का यह बयान न केवल मौलाना तौकीर रजा खां को चेतावनी है, बल्कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की नीति का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश अब बदल चुका है—यह नया यूपी है, जहां अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है।
कानून व्यवस्था पर सरकार का सख्त रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से स्पष्ट है कि उनकी सरकार अराजकता और धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। उन्होंने न केवल हिंसा के सूत्रधारों को चेताया, बल्कि पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उनका यह संदेश प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और विकास की गति को बनाए रखने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।

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