
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता मिली है। दिवंगत एनसीपी नेता और पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी को धमकी भरे ईमेल भेजने के मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद दिलशाद मोहम्मद नौवेद को इंटरपोल की मदद से त्रिनिदाद और टोबैगो से गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया है। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की तेज़ जांच का प्रमाण है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध से निपटने की भारत की बढ़ती क्षमता को भी दर्शाती है।
मामला: धमकी, फिरौती और गैंगस्टर कनेक्शन
19 से 21 अप्रैल 2025 के बीच जीशान सिद्दीकी को लगातार धमकी भरे ईमेल मिले, जिनमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई और 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। भेजने वाले ने खुद को कुख्यात डी कंपनी से जुड़ा बताया और दावा किया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का हाथ था।
ईमेल में चेतावनी दी गई थी कि अगर मांगी गई रकम नहीं दी गई, तो जीशान को भी उनके पिता जैसा अंजाम भुगतना पड़ेगा। इस गंभीर धमकी के बाद 21 अप्रैल को बांद्रा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसे बाद में क्राइम ब्रांच को सौंपा गया।
तकनीकी विश्लेषण से मिला सुराग
जांच के दौरान तकनीकी विश्लेषण में सामने आया कि ईमेल एक अंतरराष्ट्रीय आईपी एड्रेस और त्रिनिदाद व टोबैगो के मोबाइल नंबर से भेजे गए थे। गहन जांच के बाद पुलिस ने आरोपी की पहचान बिहार के दरभंगा निवासी मोहम्मद दिलशाद मोहम्मद नौवेद (35 वर्ष) के रूप में की, जो लंबे समय से त्रिनिदाद में रह रहा था।
28 अप्रैल को नौवेद के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया और इंटरपोल के सहयोग से रेड कॉर्नर नोटिस प्राप्त हुआ। इसके बाद आरोपी को त्रिनिदाद में हिरासत में लिया गया और भारत प्रत्यर्पित कर मुंबई लाया गया।
मुंबई में आधिकारिक गिरफ्तारी, पूछताछ जारी
मुंबई पहुंचने के बाद आरोपी को सहार पुलिस स्टेशन में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह क्राइम ब्रांच की हिरासत में है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि धमकी देने के पीछे वास्तविक मकसद क्या था, और क्या आरोपी का कोई सीधा संबंध संगठित अपराध गिरोहों से है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या से जुड़ा संदर्भ
यह मामला इसलिए और भी संवेदनशील है क्योंकि 12 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी की बांद्रा पूर्व में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की छाया अभी तक परिवार पर बनी हुई है, और अब बेटे को मिली धमकी ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
कानून का शिकंजा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत
इस गिरफ्तारी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब अंतरराष्ट्रीय अपराधियों को भी पकड़ने में सक्षम हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच की यह सफलता कानून के राज की मजबूती और जीशान सिद्दीकी जैसे नेताओं को सुरक्षा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कार्रवाई न केवल पुलिस बल के लिए गर्व का विषय है, बल्कि आम जनता के लिए भी यह आश्वासन है कि अपराधी चाहे कहीं भी छिप जाएं, कानून का हाथ अब उन्हें पकड़ने में सक्षम है।

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