
बिहार की राजनीति में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को एक बड़ा दांव चला है। उन्होंने अपनी ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के दौरान छूटे हुए 16 जिलों में जाने के लिए एक नई यात्रा की घोषणा की है। इस घोषणा के साथ ही उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने हाल ही में 24 घंटे के भीतर पटना और खगड़िया में हुई दो हत्याओं का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में अपराधियों का राज है और सड़कों पर खून बह रहा है।
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार की सड़कें खून से लाल हो गई हैं। हर जगह हत्याएं हो रही हैं। गुरुवार रात हमारे विधायक के ड्राइवर की खगड़िया में गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि इससे पहले पटना में भी एक राजद नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पूरी तरह बेसुध हो चुकी है और अपराध एक सुनियोजित तरीके से बढ़ रहे हैं।
अपराधियों को मिले राजनीतिक संरक्षण का आरोप
तेजस्वी ने सीधे-सीधे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया, “इन घटनाओं की योजना उपमुख्यमंत्री के आवास से बनाई जा रही है।” उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अपराधी अब ‘सम्राट और विजय’ बन गए हैं, जिसका सीधा मतलब यह था कि अपराधियों को सत्ता से संरक्षण मिल रहा है।
कानून-व्यवस्था के अलावा, तेजस्वी ने भ्रष्टाचार को भी एक बड़ा मुद्दा बनाया। उन्होंने दावा किया कि भ्रष्टाचार व्यवस्था के हर स्तर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा, “इंजीनियरों के घरों से करोड़ों रुपये बरामद हो रहे हैं। पुलिस थानों और प्रखंड कार्यालयों से लेकर उच्च नौकरशाही तक, भ्रष्टाचार पूरी तरह व्याप्त है।” उन्होंने इन मुद्दों को उठाते हुए सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह ठहराने की कोशिश की।
उपमुख्यमंत्री पर तीखा वार और प्रधानमंत्री को चुनौती
तेजस्वी यादव ने राघोपुर में हुई एक हत्या को चुनावी राजनीति से जोड़ने वाले उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बयान की भी कड़ी आलोचना की। तेजस्वी ने कहा, “एक व्यक्ति की हत्या हुई है और न्याय की बात करने के बजाय, उपमुख्यमंत्री यह पूछ रहे हैं कि इससे राजनीतिक लाभ किसे होगा।” उन्होंने इस सोच को ‘गंदी और शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि ऐसे लोग उपमुख्यमंत्री बनने लायक नहीं हैं। अपनी बात को और प्रभावी बनाने के लिए उन्होंने एक बड़ी राजनीतिक चुनौती दी। उन्होंने कहा, “अगर उन्हें राघोपुर की इतनी चिंता है, तो प्रधानमंत्री खुद आकर मेरे खिलाफ चुनाव लड़ें।” यह बयान सीधे तौर पर बिहार की राजनीति को एक व्यक्तिगत लड़ाई के रूप में पेश करने की कोशिश थी।

‘AI वीडियो’ विवाद और बीजेपी पर पलटवार
हाल ही में कांग्रेस द्वारा जारी किए गए एक एआई-जनरेटेड वीडियो, जिसमें कथित तौर पर एनडीए नेताओं ने माताओं का अपमान किया था, पर उठे विवाद पर तेजस्वी ने भाजपा की आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने वीडियो नहीं देखा है, लेकिन स्पष्ट रूप से वे लोगों का ध्यान अपराध, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से भटका रहे हैं।” उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने सबसे ज्यादा महिलाओं का अपमान किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोनिया गांधी के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों और नीतीश कुमार के डीएनए का मजाक उड़ाने जैसी पुरानी घटनाओं को याद दिलाया, और कहा कि इससे बड़ा अपमान और कुछ नहीं हो सकता।
पीएम मोदी और शाह के बिहार दौरे पर कटाक्ष
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बिहार के निर्धारित दौरों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि उनका आना पूरी तरह से चुनावी था। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “अब चुनाव आ गए हैं, तो वे आएंगे ही। लेकिन चुनाव खत्म होते ही वे बिहार को फिर से भूल जाएंगे।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा के शीर्ष नेता केवल चुनावों के दौरान ही बिहार आते हैं, जबकि स्थानीय मुद्दों और समस्याओं से वे पूरी तरह अनजान रहते हैं।
तेजस्वी यादव की यह नई यात्रा और आक्रामक तेवर आगामी चुनावों से पहले बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू करने का संकेत दे रहे हैं। उनकी रणनीति साफ है: सरकार को कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मूलभूत मुद्दों पर घेरना। ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के दौरान मिले समर्थन से उत्साहित तेजस्वी अब इन 16 छूटे हुए जिलों में जाकर अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहते हैं, जिससे वे 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले जनता के बीच अपनी पैठ बना सकें।

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