
उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक महत्वाकांक्षी रणनीति तैयार की है। पार्टी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में पांच से सात हजार नए मतदाता जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान का खास फोकस युवा मतदाताओं पर रहेगा, और इसे बूथ स्तर पर चलाया जाएगा ताकि जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत हो सके।
यह रणनीति विशेष रूप से उन 53 विधानसभा सीटों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जहां 2022 के चुनावों में जीत-हार का अंतर पांच हजार से कम था। इनमें से 15 सीटें ऐसी थीं, जहां जीत का फैसला एक हजार से भी कम मतों के अंतर से हुआ था। इस छोटे से अंतर को देखते हुए, भाजपा ने यह सुनिश्चित करने का फैसला किया है कि हर विधानसभा सीट पर नए वोटर्स को जोड़कर वह अपनी जीत की संभावनाओं को बढ़ा सके।
घर-घर जाकर चलेगा अभियान
भाजपा ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बूथ कमेटियों और शक्ति केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि वे घर-घर जाकर मतदाता पंजीकरण करवाएं। इस अभियान के दौरान कार्यकर्ता युवा मतदाताओं से संपर्क साधेंगे, उन्हें डबल इंजन की सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में बताएंगे और उनका वोट बनवाने के लिए फॉर्म भरवाएंगे। यह अभियान न केवल नए वोटर्स को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि पार्टी को सीधे तौर पर युवाओं और उन वर्गों तक पहुंचने का मौका भी देगा जो अब तक मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं।
पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हजारों नए मतदाता जोड़ने से भाजपा को चुनावी समीकरणों में महत्वपूर्ण बढ़त मिल सकती है। यह रणनीति न केवल पार्टी के वोट बैंक का विस्तार करेगी, बल्कि उन सीटों पर भी जीत सुनिश्चित करने में मदद करेगी जहां मुकाबला बेहद करीबी होता है।
युवाओं पर विशेष ध्यान
इस पूरे अभियान के केंद्र में युवा मतदाता हैं। भाजपा अपनी युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) और छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के माध्यम से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विशेष शिविर लगाने की योजना बना रही है। इन शिविरों का उद्देश्य उन युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करना है जो 18 साल के हो चुके हैं या जल्द ही होने वाले हैं।
यह कदम भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह युवाओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है। युवाओं को पार्टी की नीतियों से जोड़कर, भाजपा न केवल उनका वोट हासिल करना चाहती है, बल्कि उन्हें पार्टी की विचारधारा से भी अवगत कराना चाहती है। युवा मतदाताओं को अक्सर किसी भी चुनाव में एक निर्णायक शक्ति माना जाता है और भाजपा इस शक्ति को अपने पक्ष में करने की हर संभव कोशिश कर रही है।
चुनावी तैयारी का हिस्सा
यह मतदाता पंजीकरण अभियान भाजपा की 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पार्टी अभी से ही जमीनी स्तर पर अपनी नींव मजबूत कर रही है। इस अभियान के जरिए भाजपा एक ओर जहां नए मतदाताओं को जोड़ेगी, वहीं दूसरी ओर अपने बूथ कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय करेगी। यह अभियान पार्टी के लिए एक तरह से चुनावी अभ्यास का काम करेगा, जिससे 2027 के चुनावों के लिए संगठनात्मक तैयारी मजबूत होगी।
कुल मिलाकर, भाजपा की यह रणनीति दर्शाती है कि वह 2027 के चुनावों को कितनी गंभीरता से ले रही है। हर विधानसभा सीट पर हजारों नए मतदाताओं को जोड़ने का लक्ष्य न केवल एक महत्वाकांक्षी योजना है, बल्कि यह पार्टी के सूक्ष्म स्तर के प्रबंधन और चुनावी रणनीति की गहरी समझ को भी दिखाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अभियान कितना सफल होता है और क्या यह 2027 के चुनावों में भाजपा को निर्णायक बढ़त दिला पाता है।

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