
बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस की इस बैठक पर भाजपा नेताओं, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव और सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने तीखे हमले किए हैं।
रामकृपाल यादव का तंज
रामकृपाल यादव ने कांग्रेस की बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी बिहार में क्या जिंदा है?” उन्होंने दावा किया कि 1990 के बाद ही पार्टी का बिहार में अस्तित्व समाप्त हो गया और उसका वोट बैंक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पास चला गया। यादव ने तंज कसते हुए कहा कि आज कांग्रेस राजद की ‘कृपा’ पर टिकी हुई है।
उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता बिहार में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं, जो आजादी के बाद शायद पहली बार हो रहा है। हालांकि, यादव ने यह भी दावा किया कि इस बैठक से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने कांग्रेस और राजद के बीच अंदरूनी तनाव की ओर भी इशारा किया, खासकर ‘वोट अधिकार यात्रा’ को लेकर।

यादव ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही, तो उनसे पूछा गया कि क्या वे 2025 में तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाएंगे। इस पर राहुल गांधी चुप हो गए। यादव ने कहा कि इससे यह साफ होता है कि दोनों पार्टियों के बीच जबरदस्त अंतर्कलह है और कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कांग्रेस को घेरा
भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि कांग्रेस की इस बैठक का बिहार की जनता पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आजादी के इतने सालों बाद कांग्रेस को बिहार में बैठक करने की याद आई है, जबकि सत्ता में रहते हुए उन्होंने राज्य पर कभी ध्यान नहीं दिया।
सिग्रीवाल ने कांग्रेस की इस बैठक को ‘सत्ता की लालसा’ से प्रेरित बताया और आरोप लगाया कि बिहार की जनता ने उन्हें पहले ही खारिज कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर सत्ता में रहते हुए कई बड़े घोटालों, जैसे चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और अन्य कई कांडों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ऐसे ‘घोटालेबाजों’ के साथ नहीं जाएगी।
सिग्रीवाल ने यह भी दावा किया कि बिहार विकास के रास्ते पर है और लोगों के बीच ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का नारा लोकप्रिय हो गया है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि 2025 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से सरकार बनेगी, जो नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बिहार को एक विकसित राज्य बनाएगी।

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