
31 साल पहले हुए प्रधानी चुनाव की रंजिश में दो सगे भाइयों की दिनदहाड़े हत्या के मामले में उरई जिले के चुर्खी से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक छोटे सिंह को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर ₹71,000 का अर्थदंड भी लगाया है। इस फैसले से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए वकील की पोशाक में आए कोर्ट
कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद, पूर्व विधायक छोटे सिंह ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया। वह वकील की पोशाक पहनकर कोर्ट में हाजिर हुए। उनकी गिरफ्तारी के मद्देनजर और समर्थकों की संभावित भीड़ को देखते हुए, कचहरी परिसर में भारी संख्या में पीएसी और पुलिस बल तैनात किया गया था। कोर्ट से जेल जाते समय पूर्व विधायक ने पत्रकारों से बात की और कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
क्या थी 31 साल पुरानी घटना?
यह घटना 30 मई 1994 की है, जब चुर्खी के बिनौरा वैद गांव में प्रधानी चुनाव की रंजिश चरम पर थी। दोपहर का समय था और गांव के प्रधान राजकुमार श्रीवास्तव अपने बड़े भाई जगदीश शरण श्रीवास्तव, जो कि सेवानिवृत्त कानूनगो थे, और अन्य लोगों के साथ घर के परिसर में बैठे थे।
अचानक, गांव के ही रुद्रपाल सिंह उर्फ लाल्ले गुर्जर, राजा सिंह, संतावन सिंह गुर्जर, करन सिंह उर्फ कल्ले और दो अज्ञात लोग बंदूक और रायफल लेकर अंदर घुस आए। रुद्रप्रताप ने चिल्लाकर कहा, “कोई जिंदा न बचे।” इसके बाद सभी ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से प्रधान राजकुमार और उनके भाई जगदीश शरण की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके साथ बैठे वीरेंद्र सिंह घायल हो गए।
लंबी जांच और चार्जशीट
इस जघन्य हत्याकांड के बाद पुलिस ने गहन विवेचना शुरू की। जांच में पहले से नामजद आरोपियों के अलावा, पूर्व विधायक छोटे सिंह, अखिलेश, कृष्ण मुरारी, बच्चा सिंह और छुन्ना का नाम भी सामने आया। इन सभी को चार्जशीट में शामिल किया गया और मामला कोर्ट में चला। यह केस 31 साल तक चला, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आए।
सरकारी पक्ष के वकील ने आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए और गवाहों के बयानों को मजबूती से रखा। आखिरकार, लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक छोटे सिंह को हत्या का दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले से न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास और मजबूत हुआ है, जिसने यह साबित कर दिया है कि अपराध चाहे कितना भी पुराना क्यों न हो, कानून की पकड़ से कोई बच नहीं सकता।

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