
संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक की एक अहम वर्चुअल बैठक शनिवार को आयोजित की गई, जिसमें शामिल 24 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने एकजुट होकर सरकार की नीतियों और विफलताओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। बैठक का मुख्य उद्देश्य संसद में उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर सामूहिक रणनीति तय करना था।
राष्ट्रीय सुरक्षा और पहलगाम हमला बना चिंता का विषय
बैठक के बाद कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सभी दलों में गंभीर चिंता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के शासन में सुरक्षा से समझौता हो रहा है। विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को अब तक न पकड़ पाने को लेकर विपक्ष ने सरकार की विफलता को उजागर किया।
“तीन महीने बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है, यह चिंता का विषय है,” तिवारी ने कहा।
ट्रंप के बयान पर जवाब मांगा
बैठक में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में मध्यस्थता को लेकर दिए गए बयानों पर भी चर्चा हुई। विपक्षी नेताओं ने कहा कि ट्रंप पहले ही 24 बार यह दावा कर चुके हैं, और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए।
बिहार में मतदाता सूची से छेड़छाड़ का आरोप
बैठक में बिहार में एसआईआर (Special Intensive Revision) के बहाने भाजपा की ओर से मतदाता सूची से पक्षपातपूर्ण तरीके से नाम हटाने का आरोप भी लगाया गया। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया और कहा कि देश में एक प्रकार का अघोषित आपातकाल जैसा माहौल बनता जा रहा है।
विदेश नीति पर उठे सवाल
इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने पाकिस्तान, चीन और गाजा जैसे अंतरराष्ट्रीय मामलों पर भारत की विदेश नीति की विफलताओं की भी आलोचना की। उन्होंने मांग की कि संसद में इन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को खुद उपस्थित होकर जवाब देना चाहिए।
सामाजिक और संवैधानिक मुद्दों को मिलेगा महत्व
प्रमोद तिवारी ने बताया कि बैठक में परिसीमन, अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार जैसे संवेदनशील विषयों पर भी चर्चा हुई और यह तय किया गया कि सत्र में इन्हें मजबूती से उठाया जाएगा। साथ ही, क्षेत्रीय मुद्दों को भी तवज्जो देने की बात कही गई।
सहभागिता और दलों की एकजुटता
बैठक में कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, सपा, राजद, एनसीपी (एसपी), शिवसेना (यूबीटी), सीपीएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जेएमएम, वीसीके, आईयूएमएल, आरएलपी समेत कुल 24 दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पवार, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, उमर अब्दुल्ला और उद्धव ठाकरे जैसी प्रमुख नेताओं ने विचार साझा किए।
जल्द होगी अगली बैठक
बैठक स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, जहां नेताओं ने खुलकर चर्चा की। प्रमोद तिवारी ने जानकारी दी कि इंडिया ब्लॉक की अगली बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी, ताकि संसद सत्र के दौरान साझा विपक्ष और भी प्रभावशाली तरीके से सरकार को घेर सके।
यह बैठक विपक्ष की एकजुटता का संकेत देती है और मानसून सत्र में सरकार को कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है।

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